Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Delhi Mandoli Jail: मंडोली की जेल संख्या 15 में रखे जाएंगे कुख्यात गैंगस्टर, रहेगी हाई सिक्योरिटी

Delhi Mandoli Jail News इस जेल में तीसरी आंख का कड़ा पहरा रहेगा। हाई सिक्योरिटी जेल में शायद ही ऐसा कोई कोना होगा जिसपर तीसरी आंख की नजर नहीं होगी। इसके लिए पूरे जेल परिसर की मैपिंग की गई है।

By Abhishek TiwariEdited By: Updated: Wed, 13 Jul 2022 09:12 AM (IST)
Hero Image
Delhi Mandoli Jail: मंडोली की जेल संख्या 15 में रखे जाएंगे कुख्यात गैंगस्टर, रहेगी हाई सिक्योरिटी

नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्र]। दिल्ली में पहली बार किसी जेल को हाई सिक्योरिटी जेल में तब्दील करने की तैयारी चल रही है। यहां अलग-अलग जेलों के हाई सिक्योरिटी वार्ड में बंद कैदियों को रखा जाएगा। मंडोली स्थित जेल संख्या 15 में बनने वाली इस विशेष जेल में लगभग 150 कैदियों को रखने की जगह होगी।

एक वार्ड में रखे जाते हैं 20 कैदी

अभी तिहाड़ परिसर स्थित छह जेलों में हाई सिक्योरिटी वार्ड हैं। यहां ऐसे कैदियों को रखा जाता है, जिनपर गंभीर आरोप हों और विशेष निगरानी की जरूरत होती है। आमतौर पर इनमें विभिन्न तरह के अपराध में लिप्त गैंगस्टर ही शामिल होते हैं। एक वार्ड में अमूमन 20 कैदी रखे जाते हैं।

अब जिस तरह से जेल संख्या 15 को हाई सिक्योरिटी उपकरणों के साथ लैस किया जा रहा है और कुख्यात गैंगस्टर एक साथ रखने की तैयारी की जा रही है, उससे तय है कि अन्य जेलों में आपराधिक वारदातों पर अंकुश लग सकेगा। अक्सर देखने में आता है कि दिल्ली की अलग-अलग जेलों में बंद बड़े गैंगस्टर अपनी गैंग को बड़ा करने के लिए छोट-मोटे अपराध में सजा काट रहे कैदियों को अपने साथ मिला लेते हैं।

जब ऐसे कैदी बाहर जाते हैं तो बड़े गैंग के लिए काम करने लगते हैं और जघन्य अपराध में शामिल हो जाते हैं। अब चूंकि बड़े गैंगस्टर अलग रखने की व्यवस्था हो जाएगी तो छोटे कैदियों के उनके संपर्क में आने की संभावना बिल्कुल नहीं रहेगी।

सभी के पास होगा बाडी वार्न कैम्हारा

यहां कैदियों पर जइगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरे के अलावा सुरक्षाकर्मी अपने बाडी वार्न कैमरे से भी उनकी गतिविधि पर नजर रखेंगे। सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी इस तरह से लगाई जाएगी कि वे अपने आसपास के सभी कैदियों पर नजर रख सकेंगे। यहां अन्य जेलों की अपेक्षा अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।

पिछले कुछ समय इस तरह की वारदातें भी राजधानी में हुई हैं, जहां बड़े गैंगस्टर ने छोटे अपराध में बंद कैदियों का इस्तेमाल अपने लिए किया। पिछले दिनों में हुई गैंगवार में भी देखा गया कि कुछ ऐसे अपराधी पकड़े गए जो छोटे अपराध में जेल में थे, लेकिन बाद में बड़े अपराध में पकड़े गए।

श्वान दस्ता भी रहेगा मौजूद

सुरक्षाकर्मियों को श्वान दस्ते का भी साथ मिलेगा। इसकी व्यवस्था पूरी कर ली गई है। यहां तैनात किए जाने वाले श्वान के लिए हैंडलर भी ढूंढ लिए गए हैं। ये श्वान जमीन के अंदर मौजूद किसी संदिग्ध पदार्थ का आसानी से पता लगा सकेंगे। इनकी तैनाती हर समय इस हाई सिक्योरिटी परिसर में रहेगी।

इसलिए पड़ी जरूरत

जिन जेलों में हाई सिक्योरिटी वार्ड हैं, वहां कई बार कड़ी निगरानी के बावजूद सामान्य वार्ड के कैदियों से हाई सिक्योरिटी वार्ड के कैदी मिलने में सफल हो जाते हैं। लेकिन, जब पूरी सेल ही हाई सिक्योरिटी वाली हो, तो यहां सामान्य कैदियों से इनकी मुलाकात नहीं हो सकेगी। इनपर निगरानी रखने में भी आसानी होगी।

जैमर की दोहरी दीवार

हाई सिक्योरिटी जेल में जैमर की दोहरी दीवार खड़ी की जाएगी, ताकि किसी भी कीमत पर यहां मोबाइल का इस्तेमाल नहीं हो सके। इसके लिए जैमर टावर के साथ-साथ परंपरागत टावर पूरे जेल परिसर में लगाए जाएंगे।

तीसरी आंख का भी रहेगा पहरा

इस जेल में तीसरी आंख का कड़ा पहरा रहेगा। हाई सिक्योरिटी जेल में शायद ही ऐसा कोई कोना होगा जिसपर तीसरी आंख की नजर नहीं होगी। इसके लिए पूरे जेल परिसर की मैपिंग की गई है। कहां किस कोण में कैमरे लगाए जाएंगे, इसे तय कर लिया गया है।

जेलों में कई गैंगस्टर हैं बंद

तिहाड़ सहित दिल्ली की सभी जेलों में अभी कई गैंगस्टर बंद हैं। यहां टिल्लू, नरेश उर्फ सेठी, काला राणा, अक्षय, नवीन बाली, संदीप उर्फ काला जठेड़ी, नीरज बवाना सहित अनेक कैदियों को हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा गया है।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें