Delhi News: ऑनलाइन क्लास और वर्चुअल स्कूल में फर्क, केजरीवाल सरकार ने केंद्र और NIOS को दिया जवाब
Delhi News दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनके द्वारा देश में पहले वर्चुअल स्कूल की सउरूआत की जा रही है। इस दावे को केंद्र सरकार और NIOS झूठा बतलाने लगी।अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इसपर कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई और वर्चुअल स्कूल में फर्क होता है।
By Aditi ChoudharyEdited By: Updated: Thu, 01 Sep 2022 01:56 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। देशभर के बच्चों के लिए दिल्ली सरकार ने बुधवार को पहले वर्चुअल स्कूल की शुरूआत की। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश में अपने आप में यह पहला वर्चुअल स्कूल होगा। केजरीवाल के इस दावे को केंद्र सरकार और NIOS झूठा बतलाने लगी। देश का पहला वर्चुअल स्कूल को लेकर तरह तरह के आंकड़े पेश किए जाने लगे। अब दिल्ली सरकार ने इसपर प्रतिक्रिया दी है।
एनआइओएस ने केजरीवाल के दावे को झूठलाया
दरअसल, केजरीवाल के पहले वर्चुअल स्कूल के दावे का खंडन करते हुए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) ने बुधवार को कहा कि देश के पहले वर्चुअल स्कूल की शुरूआत उनके द्वारा अगस्त 2021 में की जा चुकी है। यानि दिल्ली सरकार से पहले वर्चुअल स्कूल की सुविधा NIOS द्वारा लागू की गई है। दिल्ली सरकार ने NIOS के किए जा रहे दावे पर अपनी बात रखी है।
ऑनलाइन क्लास और स्कूल में फर्क
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई और वर्चुअल स्कूल में फर्क होता है। दिल्ली सरकार ने कहा कि केजरीवाल द्वारा स्थापित दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल कक्षा 9 से 12 तक के लिए पूरी तरह से वर्चुअल है। यहां कोई समानांतर या हाइब्रिड दृष्टिकोण नहीं है।
केजरीवाल की NIOS को दो टूककेजरीवाल सरकार का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान लगभग सभी स्कूल ऑनलाइन माध्यम से कक्षाएं ले रहे थे। इनमें से कई अब भी कक्षाओं के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग करते हैं। क्या उन्हें भी वर्चुअल स्कूल मान लिया जाए। दिल्ली सरकार ने कहा कि वर्चुअल स्कूल और ऑनलाइन कक्षा में फर्क है।
दिल्ली सरकार ने अंत में कहा कि यदि एनआईओएस छात्रों को ऑनलाइन कक्षा की सुविधा देने के आधार पर यह दावा करती है कि वह पूरी तरह से वर्चुअल स्कूल हैं तो उन्हें हमारी शुभकामनाएं हैं।पहले वर्चुअल स्कूल की घोषणा पर केंद्र आश्चर्यचकितइधर, सीएम केजरीवाल की ओर से दिल्ली में देश का पहला वर्चुअल स्कूल बनाने की घोषणा के बाद केंद्र की ओर से भी आश्चर्य जाहिर किया गया। केंद्र ने पूरा आंकड़ा दिखाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से एक साल पहले ही यह शुरुआत की जा चुकी है। सात हजार से ज्यादा केंद्रों से लगभग सवा दो लाख बच्चे वर्चुअल शिक्षा ले रहे हैं।
9वीं से 12वीं तक होगी पढ़ाई गौरतलब है कि बुधवार को देश के पहला वर्चुअल स्कूल की शुरूआत करते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली से शिक्षा क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि इसका नाम दिल्ली माडल वर्चुअल स्कूल रखा गया है और इसमें नौ वीं से 12वीं तक पढ़ाई होगी। मान्यता प्राप्त स्कूल से आठवीं की पढ़ाई पूरी कर लेने वाला देश के किसी भी कोने में रहने वाला 13 से 18 साल का कोई भी छात्र नौ वीं में दाखिला ले सकेगा।
शिक्षा सत्र 2022-23 के लिए नौ वीं कक्षा में दाखिले के लिए 31 अगस्त से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसमें सभी कक्षाएं आनलाइन होंगी। जो बच्चे तय समय में आनलाइन कक्षा अटेंड नहीं कर पाएंगे, उनके लिए आनलाइन कक्षा को रिकार्ड में डाल दिया जाएगा, ताकि वो फ्री होने पर अपनी कक्षा देख सकें।
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