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डूसू अध्यक्ष की डिग्री सत्यापन में देरी कर रहा डीयू

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) अध्यक्ष अंकिव बैसोया की डिग्री के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) के अध्यक्ष सन्नी छिल्लर ने आरोप लगाया कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) डिग्री के सत्यापन में जान बूझकर देरी कर रहा है। सन्नी छिल्लर की तरफ से उनके वकील ने न्यायमूर्ति सुनील गौर की पीठ के समक्ष कहा कि फर्जी डिग्री के सत्यापन में इसलिए देरी की जा रही है क्योंकि अगर बैसोया की डिग्री रद की जाती है तो फिर नए सिरे से अध्यक्ष पद का चुनाव कराना होगा।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 30 Oct 2018 10:16 PM (IST)
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डूसू अध्यक्ष की डिग्री सत्यापन में देरी कर रहा डीयू

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) अध्यक्ष अंकिव बैसोया की डिग्री के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) के अध्यक्ष सन्नी छिल्लर ने आरोप लगाया कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) डिग्री के सत्यापन में जान बूझकर देरी कर रहा है। सन्नी छिल्लर की तरफ से उनके वकील ने न्यायमूर्ति सुनील गौर की पीठ के समक्ष कहा कि फर्जी डिग्री के सत्यापन में इसलिए देरी की जा रही है क्योंकि अगर बैसोया की डिग्री रद की जाती है तो फिर नए सिरे से अध्यक्ष पद का चुनाव कराना होगा।

सन्नी छिल्लर के वकील अनूप जॉर्ज चौधरी ने अदालत में बताया कि लिंगदोह कमेटी के दिशा-निर्देश के तहत अगर दो महीने के अंदर अध्यक्ष का पद खाली हो जाता है तो नए सिरे से चुनाव कराया जाएगा। इस मामले में 13 नवंबर को दो माह पूरे होने वाले हैं। उन्होंने मामले की सुनवाई 13 नवंबर से पहले करने की मांग की। उन्होंने दलील दी कि अगर बैसोया दो महीने की समयसीमा के बाद हटाए जाते हैं तो फिर अध्यक्ष पद का कार्यभार उपाध्यक्ष द्वारा ग्रहण कर लिया जाएगा।

न्यायमूर्ति सुनील गौर ने दलील को सुनने के बाद डीयू प्रशासन को नोटिस जारी कर पूछा कि अंकिव बैसोया की डिग्री का सत्यापन हुआ है या नहीं। अगर हुआ तो फिर इसे लेकर क्या फैसला लिया गया। इस निर्देश के साथ पीठ ने मामले को 12 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया। वहीं दूसरी ओर डीयू की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि तमिलनाडु की तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय को इस बाबत पत्र भेजा गया है।

गौरतलब है कि सन्नी छिल्लर ने याचिका दायर कर अंकिव बैसोया की डिग्री को फर्जी बताते हुए बैसोया के अध्यक्ष पद पर चयन को रद करने की मांग की है।

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