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हिमाचल प्रदेश से आए पेंटेड स्टार्क चिड़ियाघर में बने पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

चिड़ियाघर में अब बड़ी संख्या में हिमाचल प्रदेश के कूफरी से रंग-बिरंगे दिखने वाले पेंटेड स्टार्क पहुंच गए हैं। बेहद खूबसूरत दिखने वाले पेंटेड स्टार्क चिड़ियाघर में आने वाले पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं। इन पक्षियों की चिड़ियाघर प्रबंधन भी जमकर खातिरदारी कर रहा है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Thu, 30 Sep 2021 03:36 PM (IST)
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हजारों मील की यात्र करके चिड़ियाघर पहुंच रहे हैं पेंटेड स्टार्क। ध्रुव कुमार

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। चिड़ियाघर में अब बड़ी संख्या में हिमाचल प्रदेश के कूफरी से रंग-बिरंगे दिखने वाले पेंटेड स्टार्क पहुंच गए हैं। बेहद खूबसूरत दिखने वाले पेंटेड स्टार्क चिड़ियाघर में आने वाले पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं। शेर, हाथी और बाघ की तरह ही बड़ी संख्या में लोग पेंटेड स्टार्क को देखने के लिए खड़े हो रहे हैं, लोग मोबाइल से उनका फोटो व सेल्फी ले रहे हैं।

चिड़ियाघर के अधिकारियों का कहना है कि सितंबर की शुरुआत से ही रंग-बिरंगे दिखने वाले इन पक्षियों का आना शुरू हो गया था, लेकिन शुरुआत में इनकी संख्या बहुत कम थी। हर साल अगस्त के अंत तक बड़ी संख्या में ये पक्षी पहाड़ी इलाकों से दिल्ली प्रजनन के लिए आते हैं, लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं हुआ, बल्कि अब सितंबर के अंत में ये चिड़ियाघर आए हैं।

चिड़ियाघर के मेहमान के रूप में आए इन पक्षियों की चिड़ियाघर प्रबंधन भी जमकर खातिरदारी कर रहा है। उनके खानपान का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। तालाब में मछलियां डाली जा रही हैं। पक्षियों के आने से पहले ही पेड़ों की कटाई छटाई की जाती है, जिससे उन्हें बैठने और घोंसला बनाने में दिक्कत न हो। इसके साथ ही तालाब के आसपास गार्ड की भी तैनाती की गई है, जो पर्यटकों पर नजर रख रहे हैं।

दानागाह बनती जा रही हैं राजधानी की सड़के

वहीं, राजधानी की सड़कों पर पक्षियों को दाना खिलाना मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। बाराखंबा रोड़, कस्तूरबा गांधी मार्ग और कनाट प्लेस स्थित रीगल सिनेमा के पास चौक-चौराहों और डिवाइडर दानागाह बन गए हैं। यहां लोग बड़ी संख्या में पक्षियों को दाना डालने आते हैं। जिससे कबूतर यहां आकर दाना चुग रहे हैं।

आलम यह है कि आस्था से जुड़े लोग और पक्षी प्रेमी बीच सड़क पर अपने वाहन खड़े कर पक्षियों को दाना खिला रहे हैं। इससे यातायात प्रभावित हो रहा है। वहीं, दाना डालते वक्त और गाडि़यों के हार्न से कबूतरों के एक साथ उड़ने से सड़क से गुजर रहे वाहनों से टक्करा जाते हैं। इससे वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ने से हादसे की आशंका बनी रहती है। इससे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चालकों को हो रही है। इसके अलावा चौक-चौराहों पर अवैध रुप से दाना बेचने वालों का कब्जा होता जा रहा है। लोगों ने बताया कि कई बार वाहनों से टक्कराने से पक्षी भी घायल हो जाते हैं।

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