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पैसे के पीछे न भागें, ऐसे बनें कि पैसा आपके पीछे भागे

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली ने शनिवार को अपना 49व

By JagranEdited By: Updated: Sat, 03 Nov 2018 10:15 PM (IST)
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पैसे के पीछे न भागें, ऐसे बनें कि पैसा आपके पीछे भागे
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली ने शनिवार को अपना 49वा दीक्षात समारोह आयोजित किया। इसमें 1635 छात्र और 429 छात्राओं को डिग्री दी गई। इस साल 378 छात्रों को पीएचडी की उपाधि मिलेगी इनमें से 128 छात्राएं हैं। साथ ही बीटेक के कुल 694 छात्रों डिग्री दीं।

दीक्षांत समारोह में बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र राजेश कुमार को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक मिला। पुरस्कार प्राप्त करने के बाद उन्होंने कहा कि जीवन में सिर्फ पैसे के पीछे ही न भागें बल्कि कुछ ऐसे बनें कि पैसा आपके पीछे भागे। समारोह में निदेशक स्वर्ण पदक बीटेक केमिकल इंजीनियरिंग की छात्रा संजना गर्ग को और डॉक्टर शकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक एमटेक (ऊर्जा अध्ययन) के छात्र परीक्षित पारीक को दिया गया। दीक्षात समारोह में तीन प्रतिष्ठित पूर्व छात्र को भी पुरस्कार दिए गए। इस अवसर पर थर्मेक्स लिमिटेड की पूर्व अध्यक्ष और राज्य सभा सासद अनु आगा समारोह की मुख्य अतिथि रहीं। समारोह की अध्यक्षता आइआइटी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष एवं उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने की। इस अवसर पर आइआइटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव भी उपस्थित रहे।

देश में ही रहकर शोध की इच्छा

रोहिणी सेक्टर-3 निवासी राजेश ने कहा कि मुझे लगता है कि सामान्य रिसर्च फैलोशिप के तहत 25 हजार रुपये मिलते हैं लेकिन मुझे प्रति महीने 70 हजार रुपये मिलेंगे। राजेश कुमार प्रधानमंत्री रिसर्च फैलोशिप (पीएमआरएफ) के जरिए सीधे पीएचडी करेंगे। इसके लिए उन्हें प्रति महीने 70 हजार रुपये मिलेंगे। राजेश मैकेनिकल इंजीनिय¨रग के प्रोफेसर और संस्थान के डीन फैकल्टी सुदीप्तो मुखर्जी के साथ रोबोटिक्स तकनीक पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया वह देश में ही रहकर शोध करना चाहते थे इसलिए मोटे वेतन पैकेज दे रहीं विदेशी कंपनियों के कैंपस प्लेसमेंट को ही उन्होंने ठुकरा दिया।

बीटेक से सीधे पीएचडी

उन्होंने बताया कि आइआइटी में यह विकल्प है कि बीटेक के छात्र सीधे पीएचडी में एनरोल हो सकते हैं। इसके लिए ज्यादा सीजीपीए लाने होते हैं। मेरे 9.74 सीजीपीए आए थे। इस साल यह प्रावधान था कि जिसके 8.5 सीजीपीए से ज्यादा आते हैं वह पीएचडी के लिए साक्षात्कार दे सकता है। महत्वाकांक्षा, साहस और टीमवर्क है जरूरी -मंगलम बिड़ला

उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने छात्रों से कहा कि मैं तीन विशेषताओं के बारे में आपको बताना चाहता हूं - महत्वाकाक्षा, साहस और टीमवर्क जिंदगी में बेहद जरूरी हैं। महत्वाकाक्षा प्रत्येक टीम, संगठन और समाज में उपलब्धि का स्तर बढ़ाती है और व्यक्तियों को उनकी क्षमता का एहसास कराने में मदद करती है। उन्होंने कहा साहस, समाज में सभी गुणों में सबसे महत्वपूर्ण है।

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