मध्यस्थता मामला सुनने का बेंगलुरु कोर्ट के पास अधिकार
जासं, नई दिल्ली : इसरो एंट्रिक्स-देवास डील मामले में सुनवाई करते हुए बुधवार को दिल्ली हाई
By JagranEdited By: Updated: Wed, 30 May 2018 08:39 PM (IST)
जासं, नई दिल्ली : इसरो एंट्रिक्स-देवास डील मामले में सुनवाई करते हुए बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि इसरो एंट्रिक्स कारपोरेशन व देवास के बीच मध्यस्थता मामले की सुनवाई का अधिकार बेंगलुरु की अदालत के पास है।
देवास मल्टीमीडिया ने अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता प्राधिकरण में करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये के ऑर्बिटल के मामले में जीत हासिल की है। उसने दिल्ली हाई कोर्ट से मध्यस्थता मामले में हुए फैसले पर अमल कराने और इसरो एंट्रिक्स के बैंक खातों को अटैच करने की माग की है। वहीं, इसरो एंट्रिक्स ने देवास की याचिका पर अधिकार क्षेत्र का मामला उठाया है। उसकी चुनौती याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट्ट व न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने कहा कि बेंगलुरु सिटी के सिविल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में है कि वह ऑर्बिटल मामले में आदेश को चुनौती देने वाली इसरो एंट्रिक्स की याचिका पर सुनवाई कर सके। बता दें कि इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (मध्यस्थता न्यायालय) ने सितंबर 2015 में इसरो एंट्रिक्स को निर्देश दिया था कि वह देवास मल्टीमीडिया को क्षतिपूर्ति के रूप में 672 मिलियन अमेरिकी डालर (4,432 करोड़ रुपये) का भुगतान करे।
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