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विदेश में नौकरी के नाम पर करते थे ठगी, दो गिरफ्तार

द्वारका साउथ पुलिस ने विज्ञापन देकर बेराजगार युवाओं को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। फिलहाल इस गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने दबोचा है। आरोपितों की पहचान मो. बुरहान 22 व आदित्य ¨सह 25 के रूप में हुई। इस मामले में पुलिस को मुख्य आरोपित की तलाश है। द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त एंटो अल्फांस ने बताया कि 26 जून को द्वारका साउथ थाने में एक युवक ने शिकायत दी थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि उसने एक अंग्रेजी अखबार में नौकरी का विज्ञापन देखा था। विज्ञापन देखने के बाद दिये गये नंबर पर फोन किया। फोन पर एक महिला से बात हुई जिसने विदेश में नौकरी दिलाने की बात कही गई और उनसे 33 हजार रुपए अपने अकाउंट में जमा करा लिए । कंपनी की ओर से बताया गया कि यह पैसा नौकरी और प्लेन की टिकट आदि खर्चों के लिए लिया गया था। पैसा लेने के बाद कंपनी ने पीड़ित को नियुक्ति पत्र दिया और जल्द ही विदेश भेजने की बात कही।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 28 Sep 2018 11:28 PM (IST)
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विदेश में नौकरी के नाम पर करते थे ठगी, दो गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : द्वारका साउथ पुलिस ने विज्ञापन देकर बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। फिलहाल, इस गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने दबोचा है। आरोपितों की पहचान मो. बुरहान (22) व आदित्य ¨सह (25) के रूप में हुई। इस मामले में पुलिस को मुख्य आरोपित की तलाश है।

द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त एंटो अल्फांस ने बताया कि 26 जून को द्वारका साउथ थाने में एक युवक ने शिकायत दी थी कि उसने एक अंग्रेजी अखबार में नौकरी का विज्ञापन देखा था। विज्ञापन देखने के बाद दिये गये नंबर पर फोन किया। फोन पर एक महिला से बात हुई, जिसने विदेश में नौकरी दिलाने की बात कही और उनसे 33 हजार रुपए अपने अकाउंट में जमा करा लिए । कंपनी की ओर से बताया गया कि यह पैसा नौकरी और प्लेन की टिकट आदि खर्चों के लिए लिया गया है। पैसा लेने के बाद कंपनी ने पीड़ित को नियुक्ति पत्र दिया और जल्द ही विदेश भेजने की बात कही, लेकिन कई दिनों तक कोई फोन नहीं आया तो उन्होंने दोबारा उन नंबरों पर संपर्क साधा। लेकिन, इस बार किसी ने उनका फोन नहीं उठाया। शक होने पर उन्हेांने अपनी नौकरी के लेटर की जांच की तो वह फर्जी निकला। इसके बाद पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ और पुलिस को शिकायत दी।

सिम कार्ड से पकड़े गए आरोपित

पुलिस ने उन नंबरों की जांच की जिन पर फोन किया गया था तो पुलिस को पता चला कि सिम फर्जी पते पर लिया गया था। उस बैंक अकाउंट की भी जांच की गई, जिसमें पीड़ित ने पैसा जमा किया था। वह भी फर्जी कागजातों पर खोला गया था। बाद में सिम कार्ड जारी करने वाली कंपनी से सम्पर्क किया और नंबर को जारी करने वाले वेंडर की जानकारी मांगी। इससे पुलिस बुरहान नाम के शख्स तक पहुंची। बुरहान आनंद पर्वत में मोबाइल सिम कार्ड और मोबाइल पा‌र्ट्स की दुकान चलाता था। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो पता चला कि आदित्य नाम का एक युवक उसकी दुकान से अक्सर सिम कार्ड खरीदता है। पुलिस ने बुरहान की दुकान पर नजर रखने के लिए एक टीम को वहां तैनात किया। बृहस्पतिवार को आदित्य सिम कार्ड लेने के लिए आया तो पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया।

मामा मामी चलाते थे कंपनी

आदित्य ने पूछताछ में बताया कि उसके मामा मामी मिलकर एक कम्पनी चलाते हैं। कंपनी का नाम आदित्य इंटरनेशनल है। दोनों इसी कम्पनी की आड़ में बेरोजगार लोगों को देश व विदेश में 40 से 80 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगते हैं। आदित्य व बुरहान इस काम में उनकी मदद करते थे। फिलहाल, आदित्य के मामा मामी की तलाश पुलिस कर रही है।

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