कब खत्म होगा सुविधाओं का इंतजार
यमुनापार में बहुत सी ऐसी कॉलोनियां है,जो बसावट के वर्षो बाद भी समस्याओं से उबर नहीं पाई है। उन्ही कॉलोनियों में से एक है। बैंक कॉलोनी। यूं तो यह कॉलोनी लाल डोरा विस्तार पर 19
By JagranEdited By: Updated: Sun, 06 May 2018 07:51 PM (IST)
यमुनापार में बहुत सी ऐसी कॉलोनियां हैं, जो बसावट के वर्षों बाद भी समस्याओं से उबर नहीं पाई हैं। उन्हीं कॉलोनियों में से एक है बैंक कॉलोनी। यूं तो यह कॉलोनी लाल डोरा विस्तार पर 1988 से पहले की बसी है, लेकिन यहां के लोग आज भी विकास का इंतजार कर रहे हैं। बैंक कॉलोनी की मुख्य सड़क अतिक्रमण के बोझ तले दबी है। आसपास की कॉलोनी से बैंक कॉलोनी निचले स्तर पर बसी हुई है। इसलिए आसपास की कॉलोनियों की पानी निकासी का ढलान भी इसी कॉलोनी की ओर बना है। इस वजह से और कॉलोनी का मुख्य नाला जाम होने के कारण जलभराव की भी समस्या आती है।
--------- इतिहास बैंक कॉलोनी को बसे करीब तीन दशक हो चुके हैं। पहले यहां आबादी कम थी, लेकिन अब ठीकठाक आबादी हो गई है। यह कॉलोनी लाल डोरा विस्तार की जमीन पर बसी हुई है और यह इलाका उत्तर प्रदेश से सटा हुआ है। यहां पुराने समय में अधिकतर लोग खेतीबाड़ी करते थे, मगर कॉलोनी बसने के बाद यहां नौकरी पेशा करने वाले बैंक कर्मचारियों की संख्या बढ़ने लगी। कुछ विकास कार्य होने से सुविधाएं भी मिलीं, मगर कुछ समस्याओं ने कॉलोनी पर कब्जा जमाए रखा। सरकार ने इलाके में बैंक कर्मचारियों के लिए फ्लैट तैयार करवा दिए, इससे आज यह कॉलोनी आसपास के इलाकों में बैंक कॉलोनी के नाम से जानी जाती है।
---------- विशेषता
अगर इलाके में विशेषताओं की बात करें तो यह कॉलोनी वजीराबाद रोड से सटी हुई है। इसलिए परिवहन व्यवस्था बेहतर है। पास में ही दिल्ली परिवहन विभाग का नंदनगरी बस डिपो, दिल्ली सरकार का स्कूल और जीटीबी अस्पताल भी है। इलाके की सबसे मुख्य बात यह है कि मकानों की पक्की रजिस्ट्री हुई है। ----------- जनसंख्या- 7 हजार वोटर- 3 हजार ........ जगह-जगह लगे हैं कूड़े के ढेर, देखने वाला कोई नहीं बैंक कॉलोनी 80 गज रोड की सबसे बड़ी समस्या सफाई व्यवस्था की है। रोड पर जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। कुछ गलियां तो कूड़ाघर के नाम से चर्चित है। लोगों का कहना है कि सफाई कर्मचारी सुचारू रूप से सफाई नहीं करते हैं, इसलिए गलियों में गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। संकरी गलियों का हाल सबसे बुरा है। सफाई कर्मचारी वहां पहुंचते ही नहीं हैं। ऐसी गलियों की सफाई तब तक नहीं होती, जब तक पार्षद व नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत नहीं की जाती है। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि निगम के साथ ही क्षेत्र के लोग भी गंदगी के लिए जिम्मेदार हैं। जागरूकता की कमी के कारण लोग कहीं भी कूड़ा फेंक देते हैं। ------------ बिना स्लैब के नाले से हमेशा बना रहता है खतरा इलाके में दूसरी सबसे बड़ी समस्या बिना स्लैब के नालों की है। मुख्य सड़क पर मंडोली जेल की दीवार के सहारे जा रहे नाले पर स्लैब नहीं है। इसलिए हमेशा हादसे का डर बना रहता है। सफाई नहीं होने के कारण नाला जाम रहता है, इसलिए नाले का पानी सड़कों पर बहता है। लोगों का कहना है कि यहां अब तक यह दुविधा बनी है कि यह नाला किस विभाग के अधीन आता है। जब वह इस नाले को लेकर पार्षद से शिकायत करते थे तो पार्षद विधायक के अधिकार क्षेत्र की बात कहते थे और जब विधायक से कहते थे तो वह पार्षद पर पल्ला झाड़ देते थे। इसलिए कहना ही छोड़ दिया। ------------- कॉलोनी में बेतरतीब बिजली के तार बने सिरदर्द तीसरी सबसे बड़ी समस्या बेतरतीब ढंग से लटकते बिजली के तार हैं। तार के अव्यवस्थित होने के कारण कॉलोनी में हमेशा हादसे का डर बना रहता है। निजी केबल व इंटरनेट के तार गलियों से गुजर रहे हैं, जिससे हर एक सड़क तारों से अटी पड़ी है। बिजली के तार से हमेशा शॉर्ट-सर्किट का खतरा बना रहता है। बिजली के तार कुछ घरों के बिल्कुल करीब से गुजर रहे हैं। ऐसे में खतरे को देखते हुए वहां के लोग बालकनी में जाने से भी कतराते हैं। बारिश के दिनों में करंट का खतरा ज्यादा रहता है।
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