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एनजीओ ने तस्करों से छुड़ाई भैंसें, पुलिस ने पहुंचाया बूचड़खाना

अर¨वद कुमार द्विवेदी, दक्षिणी दिल्ली दिल्ली पुलिस की वर्दी पर बेजुबान भैंसों की जान का सौदा करने क

By JagranEdited By: Updated: Mon, 02 Jul 2018 11:14 PM (IST)
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एनजीओ ने तस्करों से छुड़ाई भैंसें, पुलिस ने पहुंचाया बूचड़खाना

अर¨वद कुमार द्विवेदी, दक्षिणी दिल्ली

दिल्ली पुलिस की वर्दी पर बेजुबान भैंसों की जान का सौदा करने का आरोप लगा है। आरोप है कि पशु तस्करों से मुक्त कराई गई 16 भैंसों को बतौर केस प्रॉपर्टी पशु चिकित्सालय ले जाते समय पुलिस ने पांच भैंसें गाजीपुर बूचड़खाने में उतार दी। अस्पताल प्रशासन ने संख्या में अंतर होने के कारण भैंसों को रिसीव करने से मना किया तो पूरा मामला खुला। एनिमल ऐक्टिविस्ट ने थाना हौजखास में इसकी शिकायत की है।

जानकारी के अनुसार, एनिमल राइट्स के लिए काम करने वाले पीपल फॉर एनिमल (पीएफए) एनजीओ के गौरव गुप्ता की टीम ने रविवार रात पुलिस के साथ मिलकर हौजखास मेट्रो स्टेशन के पास 16 भैंसों से भरा एक ट्रक पकड़ा था। इनमें से एक भैंस मर चुकी थी। पुलिस ने ट्रक पर मौजूद मेवात निवासी आमीन, तौफीक, अजहरूद्दीन, जहीर, मोबीन, अकरम और मोहम्मद शाहिद को गिरफ्तार भी किया था। थाना हौजखास पुलिस ने सभी भैसों को बतौर केस प्रॉपर्टी तीस हजारी कोर्ट स्थित सोसायटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल (एसपीसीए) में इलाज के लिए भेज दिया। ट्रक थाने के एक हेडकांस्टेबल की सुपुर्दगी में भेजा गया। रात दो बजे गौरव को हौजखास थाने से फोन करके बताया गया कि एसपीसीए में भैंसों को रिसीव नहीं किया जा रहा है। गौरव अपनी टीम के साथ एसपीसीए पहुंचे तो पता चला कि ट्रक में सिर्फ सात भैंसें हैं।

पीएफए की टीम ने सख्ती बरती तो हेडकांस्टेबल ने कुबूल किया कि उसने पांच भैंसें गाजीपुर बूचड़खाने में उतारी हैं, लेकिन उसने पैसे नहीं लिए। पीएफए की टीम ने उसके कुबूलनामे का वीडियो फेसबुक लाइव कर दिया, जिसमें वह गिड़गिड़ाकर माफी मांग रहा है। उसने कहा कि भैंसें वह वापस मंगवा रहा है। सोमवार दोपहर में उसने पांच कटड़े मंगवाए। पीएफए का कहना है कि पांच वयस्क भैंसों के बदले पुलिस ने पांच कटड़े दिए हैं क्योंकि तब तक भैंसों को काट दिया गया होगा। वहीं, हौजखास खाने के एसएचओ ने जांच कर रिपोर्ट पुलिस उपायुक्त रोमिल बानिया को भेज दी है। पीएफए ने आरोपी पुलिसकर्मी पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की है। डीसीपी ने कहा कि मामले के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। पुलिस के अनुसार, ट्रक में 10 भैंसें, एक भैंस का शव और पांच कटड़े (भैंस के बच्चे) थे। 13 जून को भी यही ट्रक पकड़ा था

पीएफए ने 13 जून को भी यही ट्रक पकड़ा था। तब इसमें 32 मवेशी मिले थे। ठूंसकर भरे जाने के कारण 13 कटड़े व पांच भैंसें मरी हुई मिली थीं। पुलिस ने तब पशु क्रूरता की धाराओं में मामला दर्ज कर मेवात निवासी 17 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें रिजवान, मोहम्मद सैमुन, सुन्नर, आदिल, अकरम, जाबिद, असलम, मौसिम, अनीस, सद्दाम, मोबिन, नाजिर, खालिद, शकीर, जहरी, इश्तियाक, मोबिन शामिल थे। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह से ठूंसकर ले जाते समय जो मवेशी मर जाते हैं उन्हें भी बूचड़खाने में काटकर उनका मांस बेच दिया जाता है। यह मांस खाकर लोगों की जान भी जा सकती है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

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