Move to Jagran APP

अतिक्रमण व गंदगी की समस्या से लोग त्रस्त

कश्मीरी गेट, मुगलकालीन पुरानी दिल्ली का वह सिरा है। जो दिल्ली को कश्मीर से जोड़ता था। कश्मी

By JagranEdited By: Updated: Sun, 29 Jul 2018 08:09 PM (IST)
Hero Image
अतिक्रमण व गंदगी की समस्या से लोग त्रस्त
कश्मीरी गेट मुगलकालीन पुरानी दिल्ली का वह सिरा है जो दिल्ली को कश्मीर से जोड़ता था। कश्मीर किधर से भी जाएं, वह गेट अब भी बरकरार है, लेकिन समय के साथ कश्मीरी गेट के आसपास के इलाकों में समस्याएं बढ़ती गई। उनमें से एक है बड़ा बाजार, जिसके व्यवसायीकरण के साथ अतिक्रमण, जाम व गंदगी समेत अन्य समस्याएं समय के साथ विकराल होती जा रही हैं। इस कारण वाशिंदे अब यहां की गलियां छोड़कर दूसरी जगह बसने को मजबूर हो रहे हैं।

इतिहास

बड़ा बाजार में मुगलकालीन और अंग्रेजों के समय की छाप मौजूद है। यहां के मकान दोनों समय की बनावट लिए हुए हैं। संकरी गलियों में पहले लोग रहते थे, लेकिन अब अधिकतर मकान के नीचे के तलों में गोदाम बन गए हैं। पहले यह किसी एक व्यक्ति की संपत्ति थी। कई परिवार अब भी कई पीढि़यों से किरायेदार हैं। अधिकतर रहने वाले लोग व्यापार से जुड़े हुए हैं।

गलियों में लगे रहते हैं गंदगी के ढेर

बड़ा बाजार की गलियों में गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। जगह-जगह कूड़े के ढेर नजर आते हैं। इसके लिए स्थानीय लोग और दुकानदार ज्यादा जिम्मेदार हैं, क्योंकि कूड़ा इकट्ठा व सफाई करने कर्मचारी सुबह एक बार आते हैं, लेकिन कूड़ा लोग दिनभर फेंकते रहते हैं। इससे बचने के लिए कुछ दीवारों पर देवी-देवताओं की तस्वीरें लगाई जा रही हैं, लेकिन यह प्रयोग भी ज्यादा कारगर साबित नहीं हुआ है।

सड़कों पर बहता है सीवर का पानी

इलाके की सीवर लाइन पुरानी है, लेकिन सफाई न कराने से सामान्य दिनों में भी उसका पानी सड़कों पर बहता रहता है। हालत यह है कि बारिश के दिनों में जलभराव की स्थिति हो जाती है। सीवर का पानी बारिश के पानी के साथ मिलकर सड़कों पर बहने लग जाता है। सीवर के कई ढक्कन भी खुले हुए हैं, जिसमें गिरकर चोटिल होने का खतरा बना रहता है। इसको लेकर कई बार नगर निगम से शिकायत की गई, लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है।

अतिक्रमण से बुरा हाल

बड़ा बाजार में रहने वाले परिवारों के लिए रविवार राहत की सौगात लाता है, क्योंकि इस दिन बाजार बंद होने के कारण अतिक्रमण, जाम और भीड़भाड़ से राहत मिलती है। अन्य दिनों में गलियों में घुसना तक मुश्किल हो जाता है। आस-पास पार्किंग स्थल न होने के कारण सड़कें वाहनों से पट जाती हैं। गलियों का भी कमोबेश यही हाल होता है। प्रतिबंध के बावजूद लोडिंग-अनलोडिंग बेधड़क होती है।

----------------------

सफाई का बुरा हाल है। इलाके में एक भी डस्टबिन नहीं है। इसलिए लोग कूड़ा जहां-तहां फेंक देते हैं। घनी आबादी में जरूरत के अनुसार झाड़ू लगाने और कूड़ा उठाने की व्यवस्था है, लेकिन दिनभर कोई सफाई कर्मचारी नहीं दिखाई देता। दुकानें 10 बजे के बाद खुलती है तो उससे निकला कूड़ा जगह-जगह पड़ा रहता है।

-कपिल एलाहाबादी।

इलाके में पार्किंग की समस्या है। सुबह से ही गलियां वाहनों से पट जाती हैं। दो पहिया वाहन संकरी गलियों में खड़ी कर दी जाती है। इसके कारण यहां रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पैदल निकलने में भी मुश्किलें आती है। कहने पर लोग झगड़ा करने को उतारू हो जाते हैं। इस दिशा में गंभीरता से काम करने की जरूरत है।

कमला।

आम दिनों में अतिक्रमण के कारण गलियां व सड़कें संकरी हो जाती हैं। दुकानदार माल बाहर निकालकर रख देते हैं। दिनभर लोडिंग-अनलोडिंग होती रहती हैं। फुटपाथ तक इसकी जद में आ जाते हैं। कहने को दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने का अभियान चला, लेकिन यह अभियान आज तक यहां नहीं पहुंचा है।

अविनाश।

बिजली के लटकते तार की समस्या बहुत है। अधिकतर जगह बिजली के तार लटके हुए हैं। शार्ट सर्किट की घटनाएं होती रहती हैं। इस कारण किसी दिन आग लगने की बड़ी घटना हो सकती है। इन तारों को दुरुस्त करने की जरूरत है।

रचना श्रीवास्तव।

जिस तरह से इलाके का व्यवसायीकरण बढ़ा है उससे यहां रहना मुश्किल हो गया है। अंदर संकरी गलियों में भी दुकानें खुल गई हैं। इस कारण यहां रहने वाले लोगों की शांति छिन गई है। इसमें बदलाव की आवश्यकता है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियों के बीच सीमा रेखा तय करें।

राम अवतार।

इस इलाके में समस्याओं की भरमार है। कई समस्याएं व्यवसायीकरण से आई। समय के साथ दुकानों का बढ़ना लाजिमी है, लेकिन इसकी भी एक तय सीमा होनी चाहिए। यहां जो लोग रह रहे हैं। उनकी सुविधा का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। इसके अलावा सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

धर्मपाल, समाजसेवी।

सफाई के साथ ही शौचालयों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। लोगों को इस कारण कोई परेशानी न हो, इसके लिए कई बार सफाई कराने के साथ कूड़ा उठवाया जा रहा है। फिर भी अगर दिक्कत है तो उसे दूर किया जाएगा।

रविंद्र कुमार, पार्षद।

अतिक्रमण हटाने को लेकर अभियान चल रहा है। अवैध रूप से खड़े वाहनों पर भी कार्रवाई हो रही है। उनसे भारी जुर्माना वसूला जा रहा है। सफाई के लिए सभी जोन को निर्देश दिए गए हैं। अगर बड़ा बाजार में कोई समस्या है तो उसे संबंधित अधिकारियों को दूर करने का निर्देश दिया जाएगा।

-वाइएस मान, निदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क, उत्तरी दिल्ली नगर, निगम।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।