Move to Jagran APP

1200 किमी दूर से आया कन्हैया की मां का संदेश- 'डटे रहो, जीतेगी सच्चाई'

अपने बड़े भाई मणिकांत से कन्हैया ने सबसे पहले अपने बीमार पिता के बारे में पूछा। इसके बाद मां का हालचाल लिया। इस दौरान उसकी आंखें छलछला गईं।किसी तरह अपने आपको संभालते हुए उसने कहा कि यहां वह पूरी तरह ठीक है।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 24 Feb 2016 07:28 AM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली (भगवान झा)। देशद्रोह के आरोप में तिहाड़ में बंद जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार से मिलने उसके परिजन पहुंचे। परिजनों से मिलने के दौरान कन्हैया भावुक हो उठा। उसे भावुक देख परिजनों ने ढांढस बंधाते हुए मां का संदेश सुनाया कि बेटा डटे रहो, जीत सच्चाई की होगी। गौरतलब है कि मध्य बिहार के बेगूसराय जिले में स्थित कन्हैया कुमार का गांव बीहट जेएनयू से 1200 किलोमीटर दूर है।

JNU विवादः घटना के दिन से ही उमर साथियों के साथ कैंपस में मौजूद था!

इस दौरान कन्हैया यह भी जानने को उतावला था कि उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके गांव व आसपास के इलाके के लोग क्या सोच रहे हैं। परिजनों ने कहा कि मुश्किल की इस घड़ी में परिवार ही नहीं पूरा गांव तुम्हारे साथ है।

पिता का हाल सुनकर भर आईं कन्हैया की आंखें

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कन्हैया के बड़े भाई, उसके चाचा और भाकपा नेता अमरजीत कौर कन्हैया से मिलने जेल नंबर तीन पहुंचे। अपने बड़े भाई मणिकांत से कन्हैया ने सबसे पहले अपने बीमार पिता के बारे में पूछा। इसके बाद मां का हालचाल लिया। इस दौरान उसकी आंखें छलछला गईं।

किसी तरह अपने आपको संभालते हुए उसने कहा कि यहां वह पूरी तरह ठीक है। जेल में उसे नियमों के मुताबिक पूरी सुविधाएं मिल रही हैं। उसने अपने परिजनों से कहा कि उसे इस बात का यकीन है कि एक दिन उसकी बेगुनाही साबित होगी और कोई भी उसकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाएगा।

जेल सूत्रों ने बताया कि परिजन भी जबतक कन्हैया से नहीं मिले थे तबतक उन्हें कन्हैया की सुरक्षा को लेकर कई चिंताएं सता रही थीं, लेकिन मिलने के बाद कन्हैया ने उनकी चिंताएं दूर कर दीं।

जेल अधिकारियों के मुताबिक कन्हैया को पूरी सुरक्षा दी जा रही है। उसे अलग वार्ड में रखा गया है साथ ही उसकी 24 घंटे निगरानी की जा रही है। तिहाड़ में कन्हैया से मिलने के लिए उसके वकील व कुछ दोस्त भी आए थे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।