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JNU विवाद में खुलासा, उमर ने विश्वविद्यालय प्रशासन से बोला था झूठ

पोस्टर मे अफजल गुरु को फांसी दिए जाने का विरोध करती हुई बातें भी लिखी गई हैं। जेएनयू प्रकरण की जांच करने वाले नई दिल्ली जिला के मजिस्ट्रेट संजय कुमार ने यह जानकारी अपनी रिपोर्ट मे दी है। रिपोर्ट मे उन्होने लिखा है कि 13 फरवरी को इस मामले की

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 04 Mar 2016 02:43 PM (IST)

नई दिल्ली (आशुतोष झा)। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) मे 9 फरवरी को उमर खालिद ने कविता पाठ ('द कंट्री विदआउट ए पोस्ट ऑफिस) के नाम पर साबरमती ढाबा के समीप जगह बुक कराई थी। कार्यक्रम से एक दिन पहले आठ फरवरी को इस बाबत आवेदन देकर उसने जेएनयू के एडिशनल डीन को जानकारी दी थी।

इसमें शाम पांच से साढ़े सात बजे समय का जिक्र था। गत नौ फरवरी को शाम को जिस दिन कार्यक्रम हुआ उस दिन दोपहर तीन बजे जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव सौरभ कुमार शर्मा ने स्टूडेट वेलफेयर डीन को यह बताया था कि कुछ छात्रों ने राष्ट्रविरोधी नारे लिखे हुए कुछ पोस्टर साबरमती ढाबा के आसपास लगाए हैं।

पोस्टर मे अफजल गुरु को फांसी दिए जाने का विरोध करती हुई बातें भी लिखी गई हैं। जेएनयू प्रकरण की जांच करने वाले नई दिल्ली जिला के मजिस्ट्रेट संजय कुमार ने यह जानकारी अपनी रिपोर्ट मे दी है। रिपोर्ट में उन्होने लिखा है कि 13 फरवरी को इस मामले की जांच करने का उन्हें आदेश प्राप्त हुआ।

इसके बाद उन्होने यू ट्यूब पर घटना से संबंधित अधिक से अधिक वीडियो को देखा व सुना। इसके बाद वह जेएनयू परिसर गए। वहां तैनात सुरक्षाकर्मियो व छात्रो से बातचीत की। अधिकांश छात्र घटना के बारे में बताने की जगह 'थैंक्यू' कह कर चलते बने। कुछ छात्रों ने इसमें सहयोग किया।

कार्यक्रम से कुछ घंटे पहले सौरभ से प्राप्त सूचना के बाद जेएनयू के कुलपति ने तुरंत रजिस्ट्रार, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर, डीन आदि को मीटिंग के लिए बुलाया।

9 फरवरी की शाम 4.45 बजे एक मैसेज के जरिए चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर नवीन यादव को बताया गया कि छात्र ने गलत जानकारी देकर कार्यक्रम के लिए जगह बुक कराई है, इसलिए बुकिंग को रद कर दिया जाए। इस बारे मे परिसर के सुरक्षाकर्मियो को भी जानकारी दे दी गई।

सुरक्षा गार्ड अमरजीत सिंह ने उमर खालिद को भी शाम पांच बजे इसकी जानकारी दी, लेकिन उमर ने कहा कि उसने कार्यक्रम के लिए छात्रो को सूचित कर दिया है, सब आते ही होगे।

इसी क्रम मे 10-15 लड़के वहां जमा हो गए और 'कश्मीर की जनता संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं, कश्मीर की महिलाएं संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं, अफजल की हत्या नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे, कितने अफजल मारोगे, हर घर से अफजल निकलेंगे, कितने मकबूल मारोगे, हर घर से मकबूल निकलेंगे नारे लगाने लगे।

इसके अलावा छात्रों द्वारा एबीवीपी का एक ही बोल, हल्ला बोल.हल्ला बोल, यूनिवर्सिटी प्रशासन खबरदार, जोर लगाकर हल्ला बोल, हम क्या चाहते आजादी, हम लड़कर लेगे आजादी नारे लगाए गए। एबीवीपी के छात्रों ने इस नारेबाजी का विरोध किया तब कार्यक्रम बंद करने के लिए शाम 7.25 बजे पुलिस को बुलाया गया।

शाम 5.20 बजे जी न्यूज का संवाददाता वहां पहुंचा और दो घंटे तक मौजूद रहा। जेएनयू प्रशासन ने जिन तीन प्रोफेसरों की कमेटी से मामले की जांच करने को कहा था, उनसे भी संपर्क किया गया। मजिस्ट्रेट संजय कुमार ने कहा है कि घटना से संबंधित मूल वीडियो जो जी न्यूज के पास था, जांच के लिए मांगा गया तो चैनल ने देने से इन्कार कर दिया।

दिल्ली सरकार रिपोर्ट पर लेगी कान नी सलाह

जेएनयू मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद दिल्ली सरकार अब इस पर कानूनी सलाह लेगी। सरकार घटना से संबंधित जिन तीन वीडियो के साथ छेड़छाड़ हुई है उसपर अलग से मुकदमा दर्ज कराने पर विचार कर रही है।

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