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रिन्‍यूएबल एनर्जी सेक्‍टर में करियर के अनेक मौके, कोर्स करने वाले युवाओं को मिल रहे अच्‍छे पैकेज आफर

ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार इनदिनों मिशन मोड पर है। ग्रीन एनर्जी की दिशा में लगातार कदम उठाये जा रहे हैं। आइये जानें आने वाले दिनों में इस सेक्‍टर में किस तरह की नौकरी की संभावनाएं रहने वाली हैं...

By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 22 Feb 2022 05:36 PM (IST)
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रिन्‍यूएबल एनर्जी सेक्‍टर में करियर की अपार संभावनाएं, ये कोर्स करने वालों को मिले अच्‍छे पैकेज आफर
नई दिल्‍ली [धीरेंद्र पाठक]। ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से इनदिनों सोलर एनर्जी समेत सभी तरह के ग्रीन एनर्जी को काफी प्रोत्साहित किया जा रहा है। हाल ही में शुरू हुई ग्रीन हाइड्रोजन पालिसी भी इसी दिशा में एक प्रयास है। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने से लेकर इन्हें खरीदने पर लोगों को छूट दी जा रही है। इस तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जगह-जगह सार्वजनिक चार्जिंग स्‍टेशन बन रहे हैं। बीते दिनों स्‍काटलैंड के ग्लासगो शहर में आयोजित 'वर्ल्ड लीडर समिट आफ कोप-26' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कहा गया कि भारत 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं को रिन्‍यूएबल एनर्जी से पूरा करेगा, जो अभी 22 से 25 प्रतिशत के लगभग है। जाहिर है इसके लिए आने वाले दिनों अधिक से अधिक प्रोजेक्‍ट लगेंगे और इससे बड़ी संख्‍या में जाब के अवसर पैदा होंगे।

क्‍या है रिन्‍यूएबल एनर्जी

इनदिनों ग्रीन एनर्जी (रिन्‍यूएबल एनर्जी) की हर ओर चर्चा है। ऐसी एनर्जी जो सोलर, विंड, बायोमास और हाइड्रोपावर से बनती है। यह एनर्जी पेट्रोल, डीजल या कोयले की तुलना में न सिर्फ कम खर्चीली होती है, बल्कि इसे कुछ समय बाद दोबारा इस्‍तेमाल में लाया जा सकता है। इससे पर्यावरण को भी कोई खतरा नहीं है। यूं कहें कि आने वाले समय को देखते हुए ऊर्जा का यही एकमात्र सस्‍ता और टिकाऊ विकल्‍प होगा। सरकार की ओर से नियमों में बदलाव किये जाने से राज्‍यों के अलावा बड़ी-बड़ी कंपनियां भी पर्यावरण संरक्षण के अपने दायित्‍यों को पूरा करने के लिए रिन्‍यूएबल एनर्जी की तरफ कर शिफ्ट हो रही हैं। जाहिर है इससे इस सेक्‍टर में बहुत सारे अवसर भी पैदा होंगे, चाहे एनर्जी हो, एनवायरमेंट हो, क्‍लाइमेट पालिसी हों या अर्बन डेवलपमेंट का फील्‍ड हो।

बढ़ रही जाब संभावनाएं

युवाओं के लिए एनर्जी सेक्‍टर में आने का यह बहुत अच्‍छा समय है। क्‍योंकि माकेट अगले चार-पांच सालों में बहुत अच्‍छा ग्रोथ करेगा। हम अपने आसपास अभी से इस तरह की ग्रोथ देख भी सकते हैं। केंद्र और राज्‍य सरकारें लंबे लक्ष्‍य के साथ इस दिशा में बढ़ रही हैं। देशभर में जगह-जगह मल्‍टीपल प्रोजेक्‍ट लग रहे हैं। व्‍यक्तिगत स्‍तर पर भी इस तरह की कोशिशें हो रही हैं कि हम ग्रीन एनर्जी की तरफ जाएं। वैश्विक स्‍तर पर भी ग्रीन एनर्जी की ओर काफी ध्‍यान दिया जा रहा है। इसलिए इस फील्‍ड में देश के अंदर और देश के बाहर दोनों जगह जाब के बहुत अवसर हैं। यहां तक कि स्‍टार्टअप के जरिये भी इस फील्‍ड में बहुत कुछ किया जा सकता है, जहां आप अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार देने वाला बन सकते हैं। सरकार की ओर से ग्रीन एनर्जी के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ युवाओं की स्किलिंग और स्किल अपग्रेडेशन के लिए तमाम कालेज और यूनिवर्सिटीज भी खोले जा रहे हैं, जहां आप फैकल्‍टी के रूप में जुड़कर अध्‍यापन कर सकते हैं।

करियर के अनेक मौके

रिन्‍यूएबल सेक्‍टर में तीन-चार रूपों में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। इसमें पहला अवसर तो प्रोजेक्‍ट लेवल पर है। अवसर भी यहीं सबसे ज्‍यादा हैं। चाहे कोई बड़ा प्रोजेक्‍ट हो या छोटा, सब जगह इससे जुड़े स्किल्‍ड लोग चाहिए। फिर चाहे वह आपके संस्‍थान की छत पर लगा हुआ कोई सोलर प्रोजेक्‍ट, स्‍मार्ट ग्रिड या बायोमास प्रोजेक्‍ट ही क्‍यों न हो। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर में एक बड़ा बायोमास प्रोजेक्‍ट शुरू किया है। इसे विश्‍व का सबसे बड़ा प्रोजेक्‍ट कहा जा रहा है। आने वाले समय में ऐसे और भी तमाम प्रोजेक्‍ट देखने को मिलेंगे। जहां आप रिन्‍यूएबल एनर्जी में बीटेक/एमटेक करके रिसर्च, प्रोजेक्‍ट इंप्रूवमेंट, प्रोजेक्‍ट कांसेप्‍चुलाइजेशन या कंसल्टिंग जैसे क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे सकते हैं। सबसे अच्‍छी बात है कि यह फील्‍ड स्किल्‍ड और सेमी स्किल्‍ड दोनों तरह के युवाओं के लिए उपयुक्‍त है।

स्किल्‍ड वे लोग हैं, जो इंजीनियरिंग किये हुए हैं। जो प्रोजेक्‍ट को डिजाइन करते हैं, उसका क्रियान्‍वयन करते हैं। लेकिन प्रोजेक्‍ट के आपरेशन में आइटीआइ वाले युवाओं को काफी आवश्‍यकता पड़ती है। इसके अलावा, बहुत सारी कंपनियां भी खुद भी ऐसा कर रही हैं। उदाहरण के लिए डाबर कंपनी ने ऐसी ही एक पहल की है। इसीतरह आइटीसी, इंफोसिस समेत बहुत सारे होटल भी ग्रीन एनर्जी की तरफ रुख कर रहे हैं। इन सब जगहों पर सस्‍टेनिबिलिटी आफिसर की बहुत डिमांड है, जो इस तरह के प्रोजेक्‍ट शुरू कराने में अपना योगदान देते हैं।

ग्रीन एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्‍ट को फंड करने के लिए बैंक भी अपने कर्मचारियों की ट्रेनिंग करा रहे हैं। उन्‍हें भी सस्‍टेनिबिलिटी आफिसर चाहिए। इतना ही नहीं, कमोबेश हर इंडस्‍ट्री रिन्‍यूएबल एनर्जी के फील्‍ड में कुछ न कुछ कर रही है। लेकिन उन्‍हें इस बारे में ज्‍यादा पता नहीं है। समुचित स्किल और अनुभव हासिल करके ऐसी जगहों पर आप बतौर एक्‍सपर्ट की अपनी सेवाएं दे सकते हैं।

कोर्सेज एवं शैक्षिक योग्‍यता

देश के कई इंजीनियरिंग कालेजों में इ‍नदिनों रिन्‍यूएबल एनर्जी, अर्बन डेवलपमेंट, वाटर तथा एनवायरमेंट आदि से जुड़े विषयों की पढ़ाई कराई जा रही है। ये सभी विषय किसी न किसी रूप में रिन्‍यूएबल सेक्‍टर से जुड़े हुए हैं। आइटीआइ के अंतर्गत भी रिन्‍यूएबल एनर्जी से संबंधित विषयों की पढ़ाई कराई जा रही है, ताकि स्‍टूडेंट्स को भविष्‍य की जरूरतों के लिए तैयार किया जा सके। इसीतरह, ग्रीन काउंसिल फार ग्रीन जाब्‍स की ओर से भी अलग-अलग तरह की रिन्‍यूएबल से जुड़ी ट्रेनिंग दी जा रही है, जो इसके लिए सर्टिफिकेशन भी देती हैं। इस सर्टिफिकेशन की भी पूरी मान्‍यता है।

इसके अलावा, जो लोग पहले से इस तरह के विषयों की थोड़ी-बहुत पढ़ाई करके जाब में हैं और आगे अपनी स्किल को बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम्‍स के रूप में ओरिएंटेशन प्रोग्राम संचालित हो रहे हैं, जो दो से तीन सप्‍ताह के होते हैं। इसके अलावा, बहुत से संस्‍थानों में रिन्‍यूएबल एनर्जी से जुड़े शार्ट टर्म और डिप्‍लोमा कोर्स भी कराये जा रहे हैं। फिलहाल, जो युवा 12वीं कर चुके हैं, वे रिन्‍यूएबल एनर्जी, अर्बन डेवलपमेंट, वाटर या एनवायरमेंट में बीटेक, बीएससी या बीए कर सकते हैं। इसी में आगे चलकर एमटेक, एमएससी और पीएचडी भी कर सकते हैं।

ऐसे तलाशें नौकरी

वैसे तो, इनदिनों सभी इंस्‍टीट्यूट और कालेज जहां भी इसतरह के कोर्सेज संचालित हो रहे हैं, वे अपने छात्रों को प्‍लेसमेंट की सुविधा उपलब्‍ध कराते हैं, जहां सरकारी विभाग और इंडस्‍ट्री लोग खुद आकर योग्‍य छात्रों का चयन करते हैं। इसके अलावा, इस तरह के कोर्स करने वाले छात्रों का अक्‍सर इंडस्‍ट्री इंटरैक्‍शन भी होता रहता है। उन्‍हें बहुत से इंडस्‍ट्री में काम करने वालों से मिलने का मौका मिलता है। साथ ही कोर्स के दौरान ऐसे छात्र तमाम सेमिनार, वेबिनार आदि में भी शामिल होते हैं। ऐसी जगहों से बने संपर्कों के जरिये भी नौकरी ढूंढ़ने में काफी मदद मिल जाती है। कालेज/यूनिवर्सिटीज के पूर्व छात्र भी मार्केट में उपलब्‍ध नौकरियों को प्राप्‍त करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

सैलरी पैकेज

पिछले एक-दो साल से रिन्‍यूएबल सेक्‍टर में आने वाले प्रोफेशनल्‍स को काफी अच्‍छे पैकेज आफर किये जा रहे हैं। शुरुआत में ही ऐसे स्किल्‍ड प्रोफेशनल्‍स को छह से सात लाख रुपये सालाना तक मिल रहे हैं। जो प्रोफेशनल अनुभवी हैं, पहले से इस फील्‍ड का अनुभव रखते हैं, वे यहां 10 से 12 लाख रुपये तक पैकेज पा रहे हैं। विदेश में भी ऐसे प्रोफेशनल्‍स के लिए अच्‍छे पैकेज पर जाब्‍स के मौके हैं।

प्रमुख संस्‍थान

आइआइटी दिल्‍ली/मुंबई

www.iitd.ac.in

टेरी स्‍कूल आफ एडवांस्‍ड स्‍टडीज, नई दिल्‍ली

https://terisas.ac.in

कोटा यूनिवर्सिटी, राजस्‍थान

www.uok.ac.in

पुणे यूनिवर्सिटी, पुणे

www.unipune.ernet.in

(डा. सपन थापर, हेड,डिपार्टमेंट आफ सस्‍टेनेबल इंजीनियरिंग,टेरी स्‍कूल आफ एडवांस्‍ड स्‍टडीज, नई दिल्‍ली से बातचीत पर आधारित)

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