Move to Jagran APP

उफ! अतिक्रमण हटाने पर भी राजनीति

पिछले दिनों योग दिवस के मौके पर यमुनापार में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित हुआ । इस कार्यक्रम में योग सिखाने के लिए एक महिला प्रशिक्षिका आई थी। उन्होंने बेहतरीन तरीके से लोगों को योगाभ्यास करवाया। जब कार्यक्रम का समापन हुआ तो योग प्रशिक्षिका से मिलने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। कई लोग उनसे टिप्स मांगने लगे तो वहीं कई लोगों ने योग शिक्षिका से क्लास लेने की बात कही। लेकिन उनकी फीस सुनकर यह पीछे हो गए। इसी बीच कई युवा से लेकर बुजुर्ग और यहां तक कि कई नेता भी उनके साथ सेल्फी लेने लगे। सेल्फी लेने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही थी। किसी तरह से आयोजकों ने स्थिति संभाली और योग प्रशिक्षिका को अपने गंतव्य के लिए रवाना किया।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 01 Jul 2018 09:15 PM (IST)
Hero Image
उफ! अतिक्रमण हटाने पर भी राजनीति

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के एक पार्षद जहां रोड पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने में जुटे हैं, वहीं उनकी ही पार्टी के एक अन्य पार्षद विरोध में खड़े हो गए हैं। जो पार्षद अतिक्रमण हटाने के पक्ष में हैं, वह अपनी ओर से लगातार कोशिश कर रहे हैं कि लोगों को आवाजाही के लिए खुली-खुली सड़क मिले। वह कहते हैं कि कुछ दुकानदारों के चक्कर में हजारों लोग रोजाना परेशान होते हैं। रोड पर हमेशा जाम लगा रहता है, इसलिए एम्बुलेंस तक जाम में फंस जाती हैं और मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल पाने की वजह से जान तक चली जाती है। इसलिए अतिक्रमण हटाना जरूरी है। उधर, अब लोग भी कहने लगे हैं कि मुद्दा बेशक जनहित से जुड़ा हो, लेकिन कुछ नेता तो पार्टी के खिलाफ भी जाकर राजनीति कर अपना हित साधने लगते हैं।

दरअसल, यमुनापार की कई ऐसी सड़कें हैं, जो मास्टर प्लान में 80 से 100 फीट चौड़ी हैं, लेकिन हकीकत में लोगों को बमुश्किल 30 से 40 फीट और कहीं-कहीं तो मात्र 20 फीट ही रास्ता मिल पाता है। दुकानदारों ने जहां आगे बढ़कर स्थायी निर्माण किया है, वहीं अपना सामान भी दुकान से बाहर रख देते हैं। अपनी दुकानों के आगे रेहड़ी तक लगवाते हैं। ऐसे में पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। भाजपा के कुछ पार्षद लोगों के हित में अतिक्रमण हटाने में पूरी शिद्दत से जुटे हैं, जबकि विपक्ष तो विपक्ष, भाजपा के ही कुछ पार्षद अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। इसके पीछे उनके निहित स्वार्थ हैं। यही वजह है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ  जो कार्रवाई जोर-शोर से शुरू की गई थी, उसमे अब उतनी तेजी नहीं रही। इसका अंतत: नुकसान आसपास के निवासियों को ही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा पार्षद भारी पड़ता है। गलत का साथ देने वाला या जो गलत के खिलाफ खड़ा है। बड़ी माला में समूह में फोटो खिंचाने का मजा ही कुछ और है..

पिछले दिनों पूर्वी दिल्ली नगर निगम मुख्यालय में कई समितियों के चेयरमैन व डिप्टी चेयरमैन के चुनाव हुए। चुनाव दो दिन हुए थे। पहले दिन एक चेयरमैन बड़ी सी माला लेकर पहुंचे थे। वह माला उनके गले तक ही सीमित रही। दूसरे दिन एक नए चेयरमैन उतनी ही बड़ी नई माला लेकर पहुंचे, लेकिन इस बार का नजारा अलग था। एक ही माला से आधा दर्जन से ज्यादा चेयरमैन और इतने ही डिप्टी चेयरमैन ने काम चलाया। हालांकि, छोटी माला की संख्या बहुत थी, लेकिन बड़ी माला का क्रेज अलग ही था। नए चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन बड़ी माला को डालकर ही फोटो ¨खचवा रहे थे। दरअसल, इस बड़ी माला में एक साथ 5 से 6 लोगों के गले में आ जा रहे थे। इसे लेकर नेताओं के बीच खूब चर्चा रही कि एक ही माला से  सबने काम चला लिया। खर्च एक ने किया और बाकी बिना खर्च के ही अपना काम चला लिया। महिला योग शिक्षक के साथ सेल्फी लेने में नेताजी भी पीछे नहीं

 पिछले दिनों योग दिवस के मौके पर यमुनापार में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में योग सिखाने के लिए एक महिला प्रशिक्षक आई थीं। उन्होंने बेहतरीन तरीके से लोगों को योगाभ्यास करवाया। जब कार्यक्रम का समापन हुआ तो योग प्रशिक्षक से मिलने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। कई लोग उनसे टिप्स मांगने लगे तो कई लोगों ने योग शिक्षक से क्लास लेने की बात कही, लेकिन उनकी फीस सुनकर सभी पीछे हो गए। इसी बीच कई युवा से लेकर बुजुर्ग और यहां तक कि कई नेता भी उनके साथ सेल्फी लेने लगे। सेल्फी लेने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही थी। किसी तरह से आयोजकों ने स्थिति संभाली और योग प्रशिक्षक को अपने गंतव्य के लिए रवाना किया।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।