टिल्लू व गोगी गिरोह में हैं बाहरी दिल्ली के तीस से अधिक नाबालिग
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर के गैंगस्टरों द्वारा नाबालिगों से अपराध कराने के मामले बढ़े हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर के गैंगस्टरों द्वारा नाबालिगों से अपराध कराने के मामले लगातार सामने आने से दिल्ली पुलिस परेशान है। गैंगस्टर नाबालिगों से हत्या जैसी संगीन वारदात करवाकर अपने मकसद में कामयाब हो रहे हैं। यदि वे पकड़े जाते हैं तो कानून में नाबालिगों के खिलाफ बहुत कम सजा का प्रावधान होने से उन्हें चंद महीने में जमानत मिल जाती है। बाल सुधार गृह में भी उनके साथ कैदी जैसा व्यवहार नहीं किया जाता है। बेहद लचीला कानून होने का हवाला देते हुए गैंगस्टर नाबालिगों का ब्रेन वॉश कर अपने गिरोह में शामिल कर लेते हैं। बाहरी दिल्ली में रहने वाले 30 से अधिक नाबालिग टिल्लू व गोगी गिरोह में शामिल हैं।
पुलिस का कहना है कि पिछले कई साल से देखा जा रहा है कि बड़े गैंगस्टर 15-17 साल के नाबालिगों को गिरोह में शामिल कर उनसे बड़ी वारदात करवा रहें हैं। गरीब परिवार के अनपढ़ नाबालिगों को ढूंढ़कर गैंगस्टर पहले तो उन्हें बड़े होटलों में अच्छा खाना खिला, महंगी कारों में बैठाकर कई दिनों तक घुमाते हैं। उन्हें जेब व घर खर्च के लिए हजारों रुपये देते हैं। उन्हें अच्छी शराब पिलाते हैं। बुरी लत लग जाने पर यह कहकर ब्रेन वॉश करते हैं कि नाबालिगों को पुलिस नहीं पकड़ सकती है। वारदात के बाद भाग जाने पर पुलिस उनके बारे में पता नहीं लगा सकती है। अगर पकड़े भी जाते हैं तो बाल सुधार गृह में रखा जाएगा। वहां कैदियों जैसा व्यवहार नहीं किया जाता है। चंद महीने में जमानत पर छोड़ दिया जाता है। इसके बाद वे गैंगस्टरों के झांसे में आकर वारदात के लिए तैयार हो जाते हैं। वे यह भी भूल जाते हैं कि उनके माता-पिता उन्हें सभ्य नागरिक बनाना चाहते थे और वे अपराध की किस काल कोठरी में पहुंच गए।