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किरायेदार सत्यापन के लिए पुलिस लगा रही शिविर

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस को ध्यान में रखते हुए इन दिनों पुलिस की ओर से

By JagranEdited By: Updated: Thu, 05 Jul 2018 07:23 PM (IST)
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किरायेदार सत्यापन के लिए पुलिस लगा रही शिविर
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस को ध्यान में रखते हुए इन दिनों पुलिस की ओर से किरायेदारों के सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। जिला दक्षिणी-पश्चिमी, पश्चिमी व द्वारका में सत्यापन का कार्य जोर से चल रहा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार अपने किरायेदारों का पुलिस सत्यापन न कराने वाले मकान मालिक जितनी जल्दी हो सके यह कार्य पूरा करवा लें, वरना पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ धारा-188 के तहत एफआइआर कर कानूनी कार्रवाई करनी होगी। हाल फिलहाल पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।

सागरपुर, दिल्ली कैंट, कापसहेड़ा व पालम में हाल ही में पुलिस ने शिविर भी लगाए हैं। दक्षिणी-पश्चिमी व द्वारका में अब तक ढाई हजार आवेदन पुलिस को प्राप्त हो चुके हैं। सत्यापन के कार्य के लिए लोगों को दूर न जाना पड़े, इस बात को देखते हुए सभी थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने इलाकों में जगह-जगह सत्यापन शिविर लगाएं। लोग भी पुलिस की इस कोशिश में पूरी तरह साथ दिखे।

सुरक्षा के लिहाज से है जरूरी

मजबूरी की बात अगर छोड़ भी दी जाए तो किरायेदार व घरेलू सहायक का सत्यापन सुरक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी है। कई वारदात की छानबीन के दौरान पुलिस आरोपित तक केवल इसलिए पहुंच सकी, क्योंकि उसके पास घरेलू सहायक के पते व रिश्तेदारों से जुड़ी तमाम जानकारियां मौजूद थीं। ऐसा इसलिए संभव हुआ, क्योंकि पुलिस ने इनका सत्यापन किया था।

अपराधियों के छिपने का है ठिकाना

हरियाणा व उत्तर प्रदेश में वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी राजधानी में अपना आसरा बनाने की कोशिश में लगे रहते हैं। वारदात को अंजाम देने के बाद वे सीधे दिल्ली की ओर रुख करते हैं, जिससे स्थानीय पुलिस की पहुंच से वे दूर जा सकें। इस लिहाज से राजधानी का इलाका काफी संवेदनशील है। पश्चिमी दिल्ली में कापसहेड़ा व नजफगढ़ के ग्रामीण इलाके हरियाणा की सीमा से सटे हुए हैं।

विदेशी किरायेदारों पर खास नजर रखने की है जरूरत

इलाके में कई मामले ऐसे होते हैं जिनमें विदेशियों की संलिप्तता पाई जाती है। इसके साथ ही कई लोगों का कहना है कि ये अक्सर आपस में लड़ाई-झगड़ा करते हैं, जिससे माहौल खराब रहता है। ये लोग भी किराये के कमरे में ही रहते हैं। लोगों का कहना है कि इनको भी इसी सूरत में मकान दिए जाएं जब इनका पुलिस सत्यापन हो जाए। पिछले वर्ष पुलिस की छानबीन में पता चला था कि ऐसे कई विदेशी यहां रह रहे हैं जिनकी वीजा की अवधि कई माह पूर्व समाप्त हो चुकी है। कई लोगों के पास तो वीजा हीं नहीं था।

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