Move to Jagran APP

कुर्सी छूटने और सिसोदिया के सीएम बनने के डर से केजरीवाल ने मांगी थी माफी : विश्वास

-कोर्ट में सौंपे हलफनामे में कुमार विश्वास ने मुख्यमंत्री पर लगाए गंभीर आरोप -कहा, कायर सेनाप

By JagranEdited By: Updated: Mon, 28 May 2018 10:54 PM (IST)
Hero Image
कुर्सी छूटने और सिसोदिया के सीएम बनने के डर से केजरीवाल ने मांगी थी माफी : विश्वास

-कोर्ट में सौंपे हलफनामे में कुमार विश्वास ने मुख्यमंत्री पर लगाए गंभीर आरोप

-कहा, कायर सेनापति की तरह सामने वाले योद्धाओं के चरणों में जा गिरे कायर सेनापति

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली :

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली समेत अन्य दलों के नेताओं पर लगाए गए भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों के मामले में सजा होने की स्थिति में मुख्यमंत्री की कुर्सी छूटने और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सीएम बनने के डर से ही अरविंद केजरीवाल ने जेटली समेत अन्य नेताओं से माफी मांगी थी। यह गंभीर आरोप आप नेता कुमार विश्वास ने सोमवार को जेटली से माफी मांगते हुए हाई कोर्ट में सौंपे हलफनामे में लगाए हैं। विश्वास ने हलफनामे में राजनीति में नैतिकता व ईमानदारी की बात कर दिल्ली की सत्ता में आए केजरीवाल पर एक साथ कई निशाने साधे हैं।

विश्वास ने लिखा कि अरविंद केजरीवाल अक्सर कुछ कागज जमा करके उसे नेताओं के भ्रष्टाचार के सुबूत कहकर दिखाते थे। आम आदमी पार्टी के सर्वोच्च नेता होने के नाते अरविंद की बात हर कार्यकर्ता आंख मूंदकर यह सोचकर दोहराता था कि करोड़ों लोगों की भावनाओं को वह सिर्फ चुनाव जीतने जैसी इच्छा के लिए नहीं तोड़ेंगे। यही वजह है कि अरविंद ने आप पर या केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल समेत अन्य गणमान्य लोगों को भ्रष्टाचारी कहा तो हमने भी पार्टी का आदेश होने के नाते उसे अक्षरश: दोहराया। हालांकि, अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए मैंने कई बार उन्हें आगाह किया कि चुनाव जीतने के लिए अधकचरे आरोप मत लगाओ, लेकिन अरविंद ने हर बार चीख-चीखकर कहा कि सारे सुबूत उनकी स्वराज किताब की तरह ही असली हैं। जब कानून के जानकारों ने अरविंद को बताया कि आरोप झूठ साबित होने पर कुछ दिन की सांकेतिक जेल निश्चित है। अगर कुछ दिन के लिए भी जेल जाना पड़ा तो उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा और सिसोदिया को सीएम बनाना पड़ेगा। ऐसी परिस्थिति में सजा से वापस आने पर सिसोदिया उन्हें सीएम की गद्दी नहीं देंगे। इसीलिए अरविंद ने संजय सिंह समेत पार्टी के किसी भी वरिष्ठ नेता से सलाह किए बगैर एक-एक करके लिखित माफी मांगनी शुरू कर दी। अरविंद ने माफी मांगने का वैसा ही निर्णय लिया जैसा कि युद्ध के मैदान में सिपाहियों को जोखिम में छोड़कर कायर सेनापति पीछे से मैदान छोड़कर न केवल भाग खड़ा हो, बल्कि विरोधी के खेमे में जाकर उनके चरणों में गिर पड़े।

विश्वास ने यहां तक पत्र में लिखा कि जेटली के खिलाफ उनका केस लड़ रहे वकील को भी पार्टी ने पद से हटा दिया है। उन्होंने कहा कि अपने कायर नेता के झूठ को दोहराने की गलती पर यह क्षमा प्रार्थना मात्र नहीं है, बल्कि यह करोड़ों देशवासियों की ऊर्जा से बनी एक आशा भरी प्रतिमा के कायरतापूर्ण असमय अनैतिक पतन का शोक काल है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।