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लीड : अब घर बैठेगा मिलेगा जन्म प्रमाण पत्र

-- दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह तक छावनी बोर्ड में शुरू होगी यह सुविधा फोटो नंबर 30 यूटीएम 7,

By JagranEdited By: Updated: Fri, 30 Nov 2018 08:32 PM (IST)
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लीड : अब घर बैठेगा मिलेगा जन्म प्रमाण पत्र

फोटो नंबर 30 यूटीएम 7,8

-- दिसंबर के प्रथम सप्ताह में दिल्ली छावनी में ऑनलाइन की प्रक्रिया हो जाएगी शुरू

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : शिशु के जन्म के बाद प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अभिभावकों को कभी अस्पताल तो कभी निगम कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। लेकिन, दिल्ली छावनी प्रशासन जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने जा रहा है। डिजिटल इंडिया अभियान के तहत छावनी प्रशासन की ओर से इस दिशा में पहल की गई है। फिलहाल, शुरुआती चरण में प्रमाण पत्र की प्रक्रिया ऑनलाइन व कागजी दोनों स्तर पर जारी रहेगी, लेकिन धीरे-धीरे यह पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगा। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए होने वाली परेशानी से भी लोगों को छुटकारा मिलेगा। दिसंबर के पहले सप्ताह में इस सुविधा को शुरू कर दिया जाएगा। अभी कर्मचारियों को इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक, अमूमन हर माह करीब 500 शिशुओं के जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। ऐसे में सुबह के समय काफी लंबी लाइन लग जाती है। कई बार लोग पूरे कागजात लेकर नहीं आते हैं या तकनीकी खराबी की स्थिति में उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है। दिल्ली छावनी से आरआर अस्पताल, बेस अस्पताल, दिल्ली छावनी अस्पताल व सूद मेडिकल सेंटर (निजी) जुड़े हैं। इन अस्पतालों व घर में जन्में शिशुओं का जन्म प्रमाण पत्र छावनी परिसर में बने सूचना एवं जानकारी केंद्र पर मिलते है।

कैसे होगी ऑनलाइन प्रक्रिया :

छावनी की आधिकारिक वेबसाइट (दिल्ली छावनी बोर्ड) पर ही लोगों को घर बैठे जन्म प्रमाण पत्र मिलेगा। अस्पताल में जन्म के बाद चिकित्सक वेबसाइट पर उपलब्ध फॉर्म पर मां व शिशु की समस्त जानकारी को भरेगा। फॉर्म भरे जाने के बाद यह जानकारी अभिभावकों को उनके मोबाइल नंबर पर मैसेज के माध्यम से मिल जाएगी। इसके बाद छावनी के अधिकारी उन तमाम जानकारी को सत्यापित करने के बाद एक ¨लक अभिभावकों के मोबाइल नंबर पर भेजेंगे। इसके बाद अभिभावक घर बैठे-बैठे दस रुपये का ऑनलाइन भुगतान कर शिशु के जन्म के एक हफ्ते के भीतर प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकेंगे। निगम में भी ऑनलाइन प्रमाण पत्र प्राप्त करने की सुविधा है, लेकिन अभी कम ही लोग इसका इस्तेमाल करते हैं।

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2002 में जन्म प्रमाण पत्र हाथ से बनाया जाता था। 2007 में उसका ¨प्रट आउट निकाला जाने लगा और अब प्रमाण पत्र लोगों को ऑनलाइन ही मिल जाएगा। इससे लोगों को काफी सहूलियत होगी। हालांकि, आज भी कई लोग ऑनलाइन प्रक्रिया से वाकिफ नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि उन्हें इस बाबत जागरूक किया जाए। ताकि वे सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही सुविधा का लाभ ले।

डॉ. गुरदेव ¨सह, चिकित्सा अधीक्षक, दिल्ली छावनी अस्पताल

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