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सपा नेता हरेंद्र प्रधान व सरकारी गनर हत्याकांड में सुंदर भाटी समेत 12 दोषी करार

कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी निवासी घंघौला और उसके गिरोह के 11 बदमाशों को सपा नेता हरेंद्र प्रधान व सरकारी गनर भूदेव शर्मा हत्याकांड में दोषी करार दिया है। बृहस्पतिवार को जिला न्यायालय में मामले की सुनवाई हुई। दोषी करार दिए गए आरोपितों की सजा पर शुक्रवार को बहस होगी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Fri, 26 Mar 2021 02:32 PM (IST)
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कुख्यात सुंदर भाटी समेत 12 बदमाशों को कोर्ट ने बृहस्पतिवार को सजा सुना दी।

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। जिला न्यायालय ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी निवासी घंघौला और उसके गिरोह के 11 बदमाशों को सपा नेता हरेंद्र प्रधान व सरकारी गनर भूदेव शर्मा हत्याकांड में दोषी करार दिया है। बृहस्पतिवार को जिला न्यायालय में मामले की सुनवाई हुई। दोषी करार दिए गए आरोपितों की सजा पर शुक्रवार को बहस होगी। शुक्रवार को मामले में सजा सुनाई जाएगी। सुंदर को पहली बार किसी मामले में दोषी माना गया है। अब तक वह गवाहों व पक्षकारों पर दबाव बनाकर बरी होता रहा था। हरेंद्र प्रधान हत्याकांड में गवाहों पर कोई दबाव नहीं बन सका। वर्ष 2017 में केस की पहली गवाही हुई थी। हरेंद्र के भाई रवि नागर, आजाद, विकास, प्रवीण, सतेंद्र व राजकुमार हत्याकांड में मुख्य गवाह रहे। अभियोजन पक्ष के निजी अधिवक्ता सुशील भाटी ने बताया कि दनकौर कोतवाली क्षेत्र के दादूपुर गांव निवासी समाजवादी पार्टी के नेता व प्रधान हरेंद्र की आठ फरवरी, 2015 को कासना कोतवाली क्षेत्र स्थित नियाना गांव में शादी समारोह में हत्या कर दी गई थी।

मामले में सुंदर भाटी समेत 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया था। सात साल तक चले केस की सुनवाई के दौरान कुल 22 गवाह पेश हुए। मनोज निवासी साकीपुर को केस में बरी किया गया है। घटना के दौरान वह राजस्थान मेहंदीपुर बालाजी में था।

सुंदर भाटी, सिंघराज व उसके गिरोह के ऋषिपाल, कालू, बिल्लू, अंकित, विकास समेत 12 लोगों को दोषी करार दिया गया है। सभी को हत्या का आरोपित मानकर शुक्रवार को सजा सुनाई जाएगी।

आठ फरवरी, 2015 को शादी समारोह के दौरान हत्याकांड को दिया गया था अंजाम, सजा पर आज होगी बहस

हरेंद्र प्रधान व सुंदर भाटी के बीच सरिया चोरी, फैक्ट्री के स्क्रैप व पीने के पानी की सप्लाई को लेकर दुश्मनी शुरू हुई। सुंदर चाहता था कि हरेंद्र उसके सामने कोई ठेका न लें और न ही किसी काम में कोई दावेदारी ठोके, लेकिन हरेंद्र ने सुंदर को अपने इरादों में कामयाब नहीं होने दिया। दोनों के बीच ठेकों को लेकर पहले विवाद हुआ, फिर सुंदर ने हरेंद्र की हत्या करवा दी। हत्या व साजिश रचने के मामले में आरोपितों को आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। शुक्रवार को सुनाई जाने वाली सजा पर सभी की नजर रहेगी।