Move to Jagran APP

खराब हैं स्ट्रीट लाइटें, सड़कों पर रहता है अंधेरा

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : मेजेंटा लाइन शुरू होने के बाद भले ही लोगों के लिए सफर करना अब आसान

By JagranEdited By: Updated: Sun, 01 Jul 2018 11:25 PM (IST)
Hero Image
खराब हैं स्ट्रीट लाइटें, सड़कों पर रहता है अंधेरा

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : मेजेंटा लाइन शुरू होने के बाद भले ही लोगों के लिए सफर करना अब आसान हो गया हो, लेकिन मेट्रो स्टेशन से घर तक की दूरी के बीच पसरे अंधेरे के कारण लोगों के मन में हर समय डर बना रहता है। यह हाल पालम और दशरथपुरी मेट्रो स्टेशन के पास देखने को मिलता है। अंधेरे के कारण लोग सड़कों पर असहज महसूस करते हैं। मजबूरन उन्हें छोटी दूरी तय करने के लिए भी ई-रिक्शा की मदद लेनी पड़ती है। अंधेरे के कारण सड़कों पर बने मोड़, खंभे या बैरिकेड आदि का पता करना किसी भी चालक के लिए चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में सड़क दुर्घटना भी काफी हद तक बढ़ जाती है।

दशरथपुरी मेट्रो स्टेशन से एक सड़क कैलाशपुरी की तरफ जाती है तो दूसरी महावीर एंक्लेव की तरफ, लेकिन दोनों ही सड़कों पर रोशनी का कोई बंदोबस्त नहीं है। कैलाशपुरी की तरफ जाने वाली सड़क पर स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है, वहीं महावीर एंक्लेव की तरफ जाने वाली सड़क पर अब तक बिजली के खंभे नहीं लगे हैं। पीडब्ल्यूडी की इस लापरवाही के कारण डीएमआरसी ने मेट्रो स्टेशन पर बिजली के खंभे लगा रखे हैं, ताकि लोगों को दिक्कत न हो। स्ट्रीट लाइट खराब होने के कारण दो लेन में चल रहे यातायात की हेडलाइट की रोशनी से सामने से आ रहे वाहन चालक को काफी दिक्कत होती है। इससे कई बार सड़क दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है। यदि हम पालम मेट्रो स्टेशन की बात करें तो यहां भी स्थिति समान है। कई बार शिकायत करने के बाद भी पीडब्ल्यूडी की ओर से सिवाय आश्वासन और अपनी परेशानियों को गिनवाने के कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आती है। पालम मेट्रो से एक सड़क मुख्य बाजार राम चौक की तरफ जाती है तो वहीं दूसरी सड़क मंगलापुरी बस टर्मिनल की तरफ जाती है। यहां अंधेरे की आड़ में असामाजिक तत्व का जमावड़ा लगा रहता है। एक तो अंधेरा ऊपर से सुनसान रास्ता। यहां सड़क किनारे डीडीए मुख्य अभियंता का कार्यालय व डीडीए फ्लैट स्थित हैं। रात के समय पैदल इस सड़क से गुजरना विशेषकर महिलाओं के लिए खतरे से खाली नहीं है। सड़क किनारे निजी व भारी वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है, जिसकी आड़ में आपराधिक घटनाओं की संभावना अधिक बढ़ जाती है। यहां स्ट्रीट लाइटें वर्षों से खराब पड़ी है।

यहां भी नहीं जलतीं स्ट्रीट लाइटें

द्वारका में हर ओर अंधेरा ही देखने को मिलता है। द्वारका में अधिकांश जगहों पर सोडियम लाइट को एलइडी लाइट में बदला नहीं गया है। कई जगह लाइटें खराब पड़ी है, जिन्हें दुरुस्त करने में विभाग तत्परता दिखाता नजर नहीं आ रहा है। कई स्ट्रीट लाइटों की रोशनी पेड़ों की झुरमुट में दब जाती है और सड़क तक नहीं पहुंच पाती है। अंधेरे की आड़ में आपराधिक घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से डीडीए को कई बार डार्क स्पॉट की सूची दी गई है, लेकिन कोई प्रभाव होता नहीं दिख रहा है।

डाबड़ी में भी पुलिस स्टेशन के आसपास कई स्ट्रीट लाइटें बरसों से खराब पड़ी हैं, वहीं उत्तम नगर में भी अंधेरे के चलते लोगों को काफी परेशानी होती है। विशेषकर, बारिश के दिनों में अधिकांश गलियों में स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।