महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में नहीं विशेषज्ञ डॉक्टर
विपक्ष के अल्पकालिक प्रश्न के जवाब में निगम ने दी जानकारी
By JagranEdited By: Updated: Wed, 26 Sep 2018 08:15 PM (IST)
विपक्ष के अल्पकालिक प्रश्न के जवाब में निगम ने दी जानकारी
- फरवरी से नहीं था अस्पताल में एंटी डिप्थीरिया सीरम जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में डिप्थीरिया से हुई मासूमों की मौत के बाद चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। दरअसल, अस्पताल में डिप्थीरिया समेत अन्य बीमारियों के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर तक ही नहीं हैं। निगम ने खुद इसकी जानकारी दी।
विपक्ष के अल्पकालिक प्रश्न के जवाब में निगम ने बताया कि अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए पांच पद स्वीकृत हैं, लेकिन पांचों पद रिक्त हैं। अब ऐसे में अस्पताल में आने वाले मरीजों का इलाज कैसे होता होगा इसकी कल्पना की जा सकती है। हालांकि निगम ने ये नहीं बताया कि यह पद कब से रिक्त हैं। अस्पताल में चिकन पॉक्स, मीजल्स, कोलेरा, रेबीज, गैस्ट्रान्टिटीस का इलाज होता है। बॉक्स
जनवरी से शुरू हुआ मौत का सिलसिला, सितंबर तक नहीं हो पाई थी सीरम की व्यवस्था
अल्पकालिक प्रश्न के जवाब में एक और चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। अस्पताल में हर माह डिप्थीरिया से मासूमों की मौत हो रही थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन हाथ पर हाथ रखकर बैठा था। इसी वर्ष जनवरी में एक, फरवरी में दो और मार्च में एक मौत हुई थी। इसके बावजूद एंट्री डिप्थीरिया सीरम इंजेक्शन का अस्पताल प्रशासन ने इंतजाम नहीं किया, जबकि फरवरी में अस्पताल के अंदर एंटी डिप्थीरिया सीरम का स्टॉक खत्म हो गया था। इतना ही नहीं हिमाचल के कसौली स्थित केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआइ) से पत्राचार तो किया गया, लेकिन समय से सीरम उपलब्ध कराने को अस्पताल सुनिश्चित नहीं कर पाया। इसी वर्ष एंटी डिप्थीरिया सीरम 21 सितंबर को अस्पताल द्वारा मंगाया गया है। रिक्त पदों पर एक नजर
पद का नाम स्वीकृत पद - भरे हुए पद- रिक्त पद चिकित्सा अधिकारी-8-8-0 विशेषज्ञ-5-0-5 सीनियर रेजिडेंट-3-3-0 जूनियर रेजिडेट-4-4-0 स्टॉफ नर्स-40-37-3 पैरामेडिकल स्टॉफ-18-12-6 वार्ड ब्वॉय-30-23-7 सफाई कर्मचारी-30-21-9
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