महापौर ने सरकारी गाड़ी व चालक को लौटाया
पूर्वी दिल्ली के महापौर बिपिन बिहारी ¨सह ने एक जून से सरकारी गाड़ी और सरकारी चालक का परित्याग कर दिया। ऐसा करके उन्होंने एक नई परंपरा की शुरूआत की है।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
पूर्वी दिल्ली के महापौर बिपिन बिहारी ¨सह ने 1 जून से सरकारी गाड़ी और चालक का परित्याग कर दिया। ऐसा करके उन्होंने नई परंपरा की शुरुआत की है। इससे निगम की कुल 29 लाख रुपये सालाना की बचत होगी। महापौर ने यह घोषणा पटपड़गंज स्थित निगम मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में की। इस मौके पर उन्होंने निगम के अन्य अधिकारियों व नेताओं से भी अपील की कि यदि सक्षम हैं तो वे भी सरकारी गाड़ी व चालक का उपयोग नहीं करें। उन्होंने कहा कि सबके थोड़े-थोड़े प्रयासों से निगम की स्थिति बेहतर की जा सकती है। इसके साथ ही वे दिल्ली के मुख्यमंत्री व उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को आईना दिखाने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों ने चुनाव के दौरान लोगों से कहा था कि वे सरकारी गाड़ी व बंगला का उपयोग नहीं करेंगे, लेकिन वे सरकार से मिलने वाली सुख-सुविधा का उपभोग कर रहे हैं।
चूंकि पूर्वी निगम की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। स्थिति ऐसी है कि हम कर्मचारियों व अधिकारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रहे हैं। पूर्व कर्मचारियों को पेंशन तक नहीं मिल रही है और एरियर वर्षो से बकाया है। इसके अलावा जिन कर्मचारियों के शादी या कोई अन्य जरूरी खर्च होता है तो उन्हें उनके फंड का पैसा या लोन भी नहीं दे पाते हैं। सेवानिवृत्त कर्मचारियों का भी बहुत सारा फंड बकाया है। ऐसे में वे स्वेच्छा से एक जून से सरकारी सेवाओं का परित्याग कर रहे हैं। इस मद में जितनी राशि की बचत होगी उसे निगम के विकास कार्यो में लगाई जाएगी।
70 हजार रुपये मासिक वेतन है चालक का
महापौर को दो सरकारी चालक मिले हुए हैं। इन दोनों का सालाना वेतन करीब 17 लाख रुपये चालाना है। यानी प्रत्येक चालक का वेतन करीब 70 हजार रुपये प्रतिमाह है। इसके अलावा ईधन के रूप में औसतन हर साल 12 लाख रुपये खर्च होते हैं। इससे कुल 29 लाख रुपये सालाना की बचत हो सकेगी। इसके अलावा गाड़ी के मेंटेनेंस पर भी खर्च होता है।