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ऑडिट से निगम अधिकारियों की कार्यशैली पर उठे सवाल

जांच - वर्ष 2015-16 के ऑडिट की प्रारंभिक रिपोर्ट में लाखों की क्षति का जिक्र - आर्थिक

By JagranEdited By: Updated: Sat, 28 Jul 2018 10:35 PM (IST)
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ऑडिट से निगम अधिकारियों की कार्यशैली पर उठे सवाल

जांच

- वर्ष 2015-16 के ऑडिट की प्रारंभिक रिपोर्ट में लाखों की क्षति का जिक्र

- आर्थिक नुकसान के लिए अधिकारियों की लापरवाही को बताया गया है जिम्मेदार जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : अपनी खराब आर्थिक स्थिति का रोना रोने वाले नगर निगम इस हालात के लिए खुद जिम्मेदार हैं। वर्ष 2015-16 की निगम ऑडिट समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट में अधिकारियों की कार्यशैली पर ही सवाल उठाया गया है। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि इनकी लापरवाह कार्यशैली के कारण निगम को लाखों का नुकसान हुआ है। अब निगम के अधिकारी अपना जवाब ऑडिट समिति को भेजेंगे जिसके बाद अंतिम रिपोर्ट को संबधित निगम की स्थायी समिति में रखा जाएगा। संपत्ति कर के करोड़ों रुपये बकाया लेकिन वसूली नहीं : वर्ष 2015-16 की प्रारंभिक ऑडिट रिपोर्ट में कंगाली का रोना रोने वाले निगमों द्वारा संपत्ति कर धीमी गति से वसूलने की बात कही गई है। इसके मुताबिक, वर्ष 2004 में एकीकृत निगम के समय ही यह बात सामने आई थी कि करोड़ों रुपये संपत्ति कर बकाया है लेकिन वर्ष 2017 तक भी निगम इसकी वसूली में नाकाम रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी निगम का 251.36 करोड़ रुपये जबकि दक्षिणी निगम का 1281.67 करोड़ रुपये संपत्ति कर बकाया है। चेक हुए बाउंस लेकिन नहीं वसूले 91 लाख रुपये : उत्तरी दिल्ली निगम इन दिनों खराब आर्थिक स्थिति का सामना कर रहा है, लेकिन फिर भी वह अपने करोड़ों रुपये बकाये की वसूली नहीं कर रहा है। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक सदर पहाड़गंज जोन और रोहिणी जोन में संपत्ति कर जमा करने के लिए मिले 91.81 लाख रुपये के 925 चेक बाउंस हो गए लेकिन इनके खिलाफ संबधित जोन के अधिकारियों ने न तो कोई कार्रवाई की और न ही वसूली ही की। इसकी वजह से निगम को उक्त राशि का नुकसान हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, 925 चेक में से 26 चेक ऐसे थे जिनकी राशि 50 हजार से अधिक थी। इसी तरह पूर्वी निगम ने 15.96 लाख की राशि के 124 बाउंस चेक के बदले कोई राशि नहीं वसूली। यहां 14 बड़े करदाता ऐसे थे जिनके चेक की राशि 20 हजार से अधिक थी, लेकिन पूर्वी निगम भी इन बाउंस चेक की राशि को वसूलने में नाकाम रहा। पेंशन के लिए जारी करोड़ों रुपये का कोई हिसाब नहीं : ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों नगर निगम के पास पेंशन के लिए जारी राशि का कोई हिसाब नहीं है। उत्तरी निगम ने वर्ष 1998-99 से 2015-16 के बीच 2050.17 करोड़ रुपए पंजाब नेशनल बैंक और यूको बैंक में जमा किए, लेकिन इसके बाद निगम द्वारा बैंक से यह जानकारी नहीं ली गई कि जारी राशि में से कितना पैसा पेंशन का लाभ लेने वाले लोगों ने लिया है। इसी तरह पूर्वी निगम ने वर्ष 2012-13 से 2015-16 के बीच बैंकों में जमा किए 178.39 करोड़ रुपए का हिसाब नहीं लिया है और दक्षिणी निगम के पास भी 2013-14 से 2015-16 के बीच दोनों बैंकों में जमा किए गए 266.17 करोड़ रुपए का हिसाब नहीं है।

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