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दिल्ली की बसों में दोबारा होगी 10,000 मार्शलों की नियुक्ति; मंजूरी के लिए LG को भेजा जाएगा प्रस्ताव

दिल्ली सरकार द्वारा 10000 सिविल डिफेंस वालंटियर्स (सीडीवी) की बहाली को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद सत्तारूढ़ आप ने रविवार को दावा किया कि मंत्रिपरिषद ने बस मार्शल के रूप में उनकी तत्काल तैनाती की सिफारिश की है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने शनिवार को कहा था कि उनकी सरकार ने सीडीवी को प्रदूषण विरोधी उपायों को लागू करने के लिए बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया।

By V K Shukla Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 11 Nov 2024 07:50 AM (IST)
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दिल्ली सचिवालय में मंत्रियों के साथ बैठक करतीं मुख्यमंत्री आतिशी। फोटो सौ.- दिल्ली सरकार
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सिविल डिफेंस वालंटियर्स (सीडीवी) का चार महीने प्रदूषण के खिलाफ अभियान में योगदान लेने का फैसला लेने के साथ ही दिल्ली सरकार ने इन्हें फिर से नियमित तौर पर बसों में मार्शल के तौर पर नियुक्त करने का फैसला लिया है।

इस संदर्भ में रविवार को दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय में कहा गया कि बसों में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए मार्शलों की नियुक्ति बहुत महत्वपूर्ण है।

मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री आतिशी को सौंपी अपनी रिपोर्ट

इसलिए, मंत्रिमंडल ने तत्काल प्रभाव से बसों में मार्शल नियुक्ति की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री आतिशी को सौंपी। यह रिपोर्ट जल्द अनुमोदन के लिए उपराज्यपाल को भेजी जाएगी। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि दिल्ली सरकार ने 2017-18 में बसों में यात्रा कर रहे लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर मार्शल नियुक्त करने का फैसला लिया था।

तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर बस मार्शल नियुक्त करने का प्रस्ताव आया था। प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद करीब 10,000 मार्शलों को बसों में तैनात किया गया। आप के अनुसार, सीडीवी 2015 से 2022 तक करीब आठ साल बिना किसी बाधा के कार्य करते रहे। इनकी नियुक्ति और वेतन जारी करने में तीन विभाग परिवहन, राजस्व और वित्त विभाग शामिल थे।

पिछले साल नवंबर में हटा दिए गए थे मार्शल

बस मार्शलों की कमी पर परिवहन विभाग राजस्व विभाग को लिखता था। इसके आधार पर राजस्व विभाग भर्तियां निकालकर सिविल डिफेंस वालिंटियर्स की भर्ती करता था और वित्त विभाग उनके वेतन का भुगतान करता था। 2015 से 2022 तक तीनों विभागों ने कोई विरोध नहीं किया। सरकार का कहना है कि 2023 की शुरुआत में ही तीनों विभागों का रुख बदल गया, जबकि तीनों विभागों में नियुक्ति अफसर पहले वाले ही थे।

आप का आरोप है कि एलजी ने एक नवंबर 2023 को बस मार्शलों को नौकरी से हटा दिया था। तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल ने 23 अक्टूबर 2023 को एलजी को लिखे पत्र में बस मार्शलों की तनख्वाह नहीं जारी करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने भी 20 अक्टूबर 2023 को बस मार्शल के मुद्दे पर एक लंबा नोट लिखा था। आप के अनुसार, एलजी ने 5 दिसंबर 2023 को एक नोट लिखकर भेजा कि सिविल डिफेंस वालंटियर्स को डिजास्टर मैनेजमेंट के अलावा किसी अन्य काम के लिए नहीं रखा जा सकता है।

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