देश में बनेंगी 12 औद्योगिक स्मार्ट सिटी, सरकारों ने दी जमीन, केंद्र से मिला 28000 करोड़ का फंड; जानिए पूरा प्रोजेक्ट
सरकार ने देश में 12 औद्योगिक स्मार्ट सिटी विकसित करने की घोषणा की है। इन शहरों में उद्यमियों को प्लग एंड प्ले सुविधा मिलेगी जिससे उन्हें किसी भी तरह की मंजूरी के लिए अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इन शहरों में निवेशकों के लिए जमीन पहले से तैयार रहेगी जिससे उन्हें जमीन खोजने या फिर उसके लैंड यूज को बदलवाने की झंझट नहीं होगी।
अजय राय, नई दिल्ली। मैन्यूफैक्चरिंग का बड़ा इकोसिस्टम तैयार करने के लिए सरकार की घोषणा के बाद हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत 10 राज्यों में 12 औद्योगिक स्मार्ट सिटी (Industrial Smart City in India) विकसित करने के लिए राज्य सरकारों से जमीन मिल गई है। यहां आधारभूत संरचना तैयार करने का काम अगले साल मार्च से शुरू किया जाएगा।
इन परियोजनाओं को अगले तीन साल में पूरा किया जाना है। राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम लिमिटेड (एनआईसीडीसी, NISDC) इसके लिए निर्माण एजेंसियों का चयन शुरू करने जा रही है।
स्मार्ट सिटी में उद्यमी को क्या मिलेंगी सुविधाएं
एनआईसीडीसी इन औद्योगिक स्मार्ट सिटी को प्लग एंड प्ले सुविधा के तहत विकसित करेगा। इसके तहत उद्यमी को एक ही जगह पर मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी सभी सुविधाएं विकसित रूप में मिलती हैं। उद्यमी को किसी भी तरह की मंजूरी के लिए अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।जमीन और उसमें काम कराने को लेकर नहीं होगा कोई झंझट
सिंगल विंडो सिस्टम के तहत मंजूरी मिलने के बाद अपने जरूरत के हिसाब से प्लॉट पर निर्माण कार्य शुरू करा सकते हैं। इन शहरों में निवेशकों के लिए जमीन पहले से तैयार रहेगी। उन्हें जमीन खोजने या फिर उसके लैंड यूज को बदलवाने या उस जमीन पर औद्योगिक यूनिट लगाने संबंधी काम के झंझट में नहीं पड़ना पड़ेगा।
औद्योगिक यूनिट की स्थापना के लिए तमाम सुविधा से लैस जमीन उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी, जिसे पूरा कर लिया गया है।
केंद्र से मिला 28 हजार करोड़ का फंड
एनआईसीडीसी के सीईओ व एमडी रजत कुमार सैनी ने बताया कि इन औद्योगिक स्मार्ट सिटी को विकसित करने के लिए जमीन मिलने के बाद केंद्र सरकार से 28 हजार करोड़ का फंड जारी कर दिया गया है। निगम अब सभी जगह योजना के हिसाब से निर्माण एजेंसियों का चयन करेगी और इस पर अगले साल मार्च से काम शुरू किया जाएगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।तीन वर्ष में काम होगा पूरा
इसे अगले तीन वर्ष में पूरा किया जाना है। उन्होंने कहा कि सरकार इन स्मार्ट सिटी के जरिये देश-विदेश की कंपनियों को शानदार सुविधाओं से लैस माहौल देना चाहती है। इससे देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ने के साथ बड़े पैमाने पर रोजगार का भी सृजन होगा। इनमें उत्तर प्रदेश के आगरा व प्रयागराज में परियोजना से 87 हजार से अधिक रोजगार का सृजन होगा। वहीं, बिहार के गया में प्रोजेक्ट से एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।इन राज्यों में बनेंगी औद्योगिक स्मार्ट सिटी
औद्योगिक स्मार्ट सिटी से जुड़ी छह परियोजनाएं अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के तहत आएंगी। इनमें हरियाणा स्थित हिसार, पंजाब के पटियाला में राजपुरा, उत्तर प्रदेश में आगरा व प्रयागराज, उत्तराखंड में स्थित खुरपिया तो बिहार में गया शामिल है। दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर की दो परियोजनाएं महाराष्ट्र के दिघी और राजस्थान में जोधपुर-पाली मारवाड़ शामिल हैं। विशाखापट्नम-चेन्नई औद्योगिक कॉरिडोर, हैदराबाद- बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर, हैदराबाद-नागपुर औद्योगिक कॉरिडोर और चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर के तहत चार परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें आंध्र प्रदेश में कोप्पार्थी, ओरवाकई, तेलंगाना में जहीराबाद व केरल में पल्लकड़ शामिल है।परियोजनओं पर एक नजर
शहर | क्षेत्र (एकड़ में) | निवेश क्षमता (करोड़ में) | परियोजना लागत (करोड़ में) | रोजगार |
खुरपिया | 1002 | 6180 | 1265 | 1265 |
हिसार | 2988 | 32417 | 4680 | 125000 |
राजपुरा, पटियाला | 1099 | 7500 | 1367 | 64,204 |
आगरा | 1058 | 3447 | 1812 | 69516 |
प्रयागराज | 352 | 1600 | 658 | 17700 |
गया | 1670 | 16524 | 1339 | 109185 |
दिघी | 6056 | 38000 | 5469 | 114183 |
जोधपुर पाली मारवाड़ | 1578 | 7500 | 922 | 40000 |