Coronavirus News Update: आयुष्मान भारत से हुआ 1 करोड़ से अधिक लोगों में से 13 फीसद मरीजों का इलाज
इस योजना के तहत पूरे देश में 13 करोड़ से अधिक परिवार पंजीकृत हैं। इसके तहत देश भर में कुल 24 हजार 714 अस्पताल पैनल में हैं और इसमें कुल 1.44 करोड़ मरीजों का दाखिला हो सकता है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2018 में झारखंड की राजधानी रांची से जब महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत का शुभारंभ किया था, तब कौन जानता था कि एक दिन यही योजना गरीबों के लिए संजीवनी साबित होगी। सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत मिले आकंड़ों पर गौर करें तो कोरोना महामारी की चपेट में आए एक करोड़ से अधिक लोगों में से 13 फीसद मरीजों का इलाज आयुष्मान भारत के जरिये संभव हो सका। देश के विभिन्न राज्यों में आयुष्मान भारत के तहत 13 लाख 18 हजार 466 मरीजों की कोरोना जांच के साथ ही इलाज किया गया। निश्चित तौर पर गरीब वर्ग के लिए ऐसे मुश्किल समय में सरकार से सहयोग मिलना बड़ी बात है।
सुप्रीम कोर्ट व दिल्ली हाई कोर्ट के अधिवक्ता शशांक देव सुधि ने कोरोना महामारी के दौरान आयुष्मान भारत के जरिये देश के सभी राज्यों में हुए इलाज की जानकारी मांगी थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के केंद्रीय जनसूचना अधिकारी एनआर रामप्रसाद ने सूचना उपलब्ध कराते हुए बताया कि इस योजना के तहत पूरे देश में 13 करोड़ से अधिक परिवार पंजीकृत हैं। इसके तहत देशभर में कुल 24 हजार 714 अस्पताल पैनल में हैं और इसमें कुल 1.44 करोड़ मरीजों का दाखिला हो सकता है।
दक्षिण के राज्यों में मिला सर्वाधिक लाभ
आयुष्मान भारत का सर्वाधिक लाभ दक्षिण भारत के राज्यों में देखने को मिला। तमिलनाडु में 9.42 लाख कोरोना मरीजों की जांच हुई, वहीं कर्नाटक में 1.30 लाख कोरोना मरीजों की जांच हुई। आंध्र प्रदेश में 92 हजार 543, महाराष्ट्र में 85671, केरल में 13 हजार 61 कोरोना के मरीजों का इलाज किया गया।
शशांक देव सुधि (अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट व दिल्ली हाई कोर्ट) का कहना है कि निश्चित तौर पर इस योजना का लाभ 13 लाख से अधिक कोरोना मरीजों को मिला। भविष्य में इस योजना का विस्तार होने के साथ ही गरीब लोगों के लिए यह हितकारी साबित होगी। कई राज्य महामारी के दौरान इस योजना का लाभ गरीब जनता को दिलाने में नाकाम रहे। स्थानीय स्तर पर योजना को अमलीजामा पहनाने की दिशा में और प्रयास करने की जरूरत है।
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