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दिल्ली में नौकरी का आया बंपर मौका, एलजी सक्सेना ने तत्काल 1463 पदों पर भर्ती की दी मंजूरी

दिल्ली में नौकरी का बंपर मौका आनेवाला है। दरअसल उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 701 नर्सों और 762 पैरामेडिकल स्टाफ सहित 1463 स्वास्थ्य कर्मचारियों की तत्काल भर्ती को मंजूरी दी है। दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित समिति की रिपोर्ट के बाद यह फैसला लिया गया है। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सुविधायों को लेकर दिल्ली सरकार से रिपोर्ट की भी मांग की थी।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Updated: Mon, 11 Nov 2024 03:45 PM (IST)
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एलजी सक्सेना ने तत्काल 1463 पदों पर भर्ती की दी मंजूरी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 701 नर्सों और 762 पैरामेडिकल स्टाफ सहित 1463 स्वास्थ्य कर्मचारियों की तत्काल भर्ती को मंजूरी दी। दिल्ली हाईकोर्ट ने फरवरी 2024 में विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी और दिल्ली सरकार को एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। इसमें सरकार को दिल्ली में स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं को किस तरह बड़ी आबादी तक पहुंचा रही है, इसकी जानकारी भी मांगी थी।

एलजी वीके सक्सेना ने सोमवार को 701 नर्सों और 762 पैरामेडिकल कर्मियों की आउटसोर्स आधार पर भर्ती को मंजूरी दे दी। राजनिवास की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के माध्यम से 1,463 स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्ती का यह अभियान, अस्पतालों को भर्ती नियमों में ढील के साथ सीधी भर्ती कोटे के तहत आवश्यक कर्मियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। 

भर्तियां डॉ. एस के सरीन समिति की सिफारिशों पर

इसमें कहा गया है कि ‘आउटसोर्स’ आधार पर स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती करने का निर्णय शहर के स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और मौजूदा चिकित्सा कर्मचारियों पर दबाव को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। यह भर्ती डॉ. एस के सरीन समिति की सिफारिशों पर की जा रही है। समिति का गठन शहर में अपर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों और कार्यबल के बारे में हाइकोर्ट द्वारा चिंता जताए जाने के बाद किया गया था। 

कोर्ट ने हालिया स्वास्थ्य व्यवस्था को माना था अपर्याप्त

मालूम हो कि हाइकोर्ट ने फरवरी में जारी एक निर्देश में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला था। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को बढ़ती आबादी की मांगों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त भी माना था। 

एलजी ने अस्पतालों के बिस्तरों और कर्मियों की कमी पर दिया जोर

राजनिवास के अनुसार अदालत ने जीएनसीटीडी को यह आदेश दिया है कि वह अपनी योजनाओं पर एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे। जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि चिकित्सा प्रणाली शहर की जरूरतों के साथ तालमेल रख सके। विशेष रूप से अस्पतालों के बिस्तरों और चिकित्सा कर्मियों की कमी पर जोर दिया जा सके। 

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