कानून-व्यवस्था चाक-चौबंद बनाने में जुटी दिल्ली पुलिस, 2 माह में बदल दी जाएंगी 200 खटारा पीसीआर
कानून-व्यवस्था पर प्रभावी नियंत्रण पाने में आ रही कठिनाइयों के मद्देनजर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा एक मार्च से पीसीआर को जिले से अलग करने की घोषणा के बाद इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया गया था।
By Rakesh Kumar SinghEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Sun, 26 Mar 2023 08:21 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। इसी वर्ष सितंबर में राजधानी में शुरू होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले दिल्ली पुलिस कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने में जुट गई है। कानून-व्यवस्था पर प्रभावी नियंत्रण पाने में आ रही कठिनाइयों के मद्देनजर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा एक मार्च से पीसीआर को जिले से अलग करने की घोषणा के बाद इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया गया था।
अब तक चार रेंज में पीसीआर को जिलों से अलग कर दिया गया है। शेष दो रेंज को भी 28 मार्च तक टेकओवर कर लिया जाएगा। 750 पीसीआर में लगभग 200 पीसीआर ऐसी हैं, जो सात से आठ वर्ष पुरानी होने के कारण खटारा हो चुकी हैं। ऐसे में एक-दो माह में नई पीसीआर के आ जाने की भी उम्मीद है।
दिखने लगा है सकारात्मक परिणाम
लगभग डेढ़ वर्ष पहले तत्कालीन पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना द्वारा पीसीआर यूनिट को भंग कर जिला पुलिस के साथ विलय कर देने के बाद पीसीआर जिले के थानों में खड़ी रहती थीं। काल मिलने पर थाने के पुलिसकर्मी पीसीआर लेकर मौके पर पहुंचते थे। अब फिर से पीसीआर का स्वतंत्र यूनिट बन जाने के बाद पीसीआर हर जिले के विभिन्न थानाक्षेत्रों में तय हाल्टिंग प्वाइंट पर खड़ी होने लगी है।कमांड रूम को घटना की काल मिलते ही मैसेज फ्लैश करने के बाद चंद मिनट के अंदर आसपास खड़ी पीसीआर मौके पर पहुंच जाती है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि इसका सकारात्मक परिणाम दिखने लगा है। कमांड रूम को हालात की सही जानकारी मिल रही है, जिसके बाद इलाके के थानाध्यक्षों से उससे संबंधित कार्रवाई रिपोर्ट मांगी जा रही है।
हैदरपुर में ही रहेगा कमांड रूम
पुलिस अधिकारी का कहना है कि जिस वक्त पीसीआर यूनिट को भंग किया गया था, उस समय इसमें 5,300 कर्मचारियों की तैनाती थी। फिर से अलग यूनिट बना देने के बाद अबतक 5,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। पहले पीसीआर का मुख्यालय माडल टाउन में हुआ था, अब आइटीओ स्थित पुराने पुलिस मुख्यालय में बनाया गया है।इसका कमांड रूम पहले की तरह हैदरपुर में ही रहेगा। उन्होंने बताया कि पीसीआर जब यूनिट हुआ करती थी, तब 117 प्रखर वैन अपराध बहुल इलाकों में गश्त करती थी। जिले के साथ विलय कर देने पर उसका इस्तेमाल सामान्य पीसीआर की तरह होने लगा था।
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