छावला दुष्कर्म-हत्या केस में नया मोड़, आरोपितों को बरी करने पर सुप्रीम कोर्ट में दायर होगी याचिका
Delhi Chhawla Case पश्चिमी दिल्ली के छावला इलाके में 19 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट मामले में तीन आरोपितों को बरी कर चुका है।
By Jagran NewsEdited By: JP YadavUpdated: Mon, 21 Nov 2022 10:54 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। फरवरी, 2012 में दिल्ली के छावला इलाके में एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म और फिर हत्या के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की जाएगी। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Delhi LG Vinay Kumar Saxena) ने इस बाबत मंजूरी प्रदान कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी की नियुक्ति को भी मंजूरी दी गई है।
SC द्वारा बरी करने के खिलाफ दायर होगी याचिका
दरअसल, पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने जांच पर सवाल उठाते हुए छावला सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में सबूतों के अभाव में तीनों आरोपितों को बरी कर दिया था। वहीं, 2012 का यह चर्चित मामला था, जिसमें 19 वर्षीय युवती से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था और फिर बड़ी बेरहमी से उसकी हत्या कर दी गई थी।
पीड़िता के माता-पिता चाहते थे पुनर्विचार याचिका
वहीं, जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो फैसले में दिल्ली पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए गए थे और आरोपितों सबूतों और गवाहों के अभाव में बरी कर दिया गया था। इस फैसले के बाद छावला सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों ने प्रतिक्रिया में कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे।दरअसल, 2012 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों आरोपियों को रिहा कर दिया था। उधर, पीड़िता का परिवार आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग कर रहा है। इस बाबत पिछले दिनों पीड़िता के माता-पिता ने एलजी वीके सक्सेना से मिलकर पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए गुहार भी लगाई थी। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली कोर्ट के फांसी के फैसलों को बरकरार रखा था।
हरियाणा के युवकों ने दिया था वारदात का अंजाम
बता दें दि फरवरी, 2012 में कार सवार तीन युवकों ने छावला की रहने वाली 19 वर्षीय युवती का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इसके बाद उसकी हत्या कर दी थी। दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज मामले में आरोपित रवि, राहुल और विनोद हरियाणा ने इस वारदात को अंजाम दिया था।अहम तथ्य
- सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता पीड़ित पक्ष की ओर से देंगे दलील
- इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीन आरोपितों को सात नवंबर को बरी कर दिया था।
- जिला कोर्ट ने दी थी फांसी की सजा, दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सजा को रखा था बरकरार।
- सुप्रीम कोर्ट ने साक्ष्य के आभाव में तीनों आरोपितों को कर दिया था बरी।
- पीड़िता के माता-पिता पिछले दिनों एलजी से मिलकर पुनर्विचार याचिका की लगाई थी गुहार
- पिछले दिनों तीन में से दो आरोपित रोहिणी जेल से आ चुके हैं बाहर।
रेवाड़ी में मिला था युवती का क्षत-विक्षत शव
रवि कुमार, राहुल और विनोद पर फरवरी 2012 में युवती के अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और बेरहमी से उसकी हत्या करने का आरोप था। युवती का क्षत-विक्षत शरीर अपहरण के तीन दिन बाद मिला था। यह हरियाणा के रेवाड़ी के रोधई गांव के खेतों में मिला था।
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