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भरपूर पोषण न मिलने से पांच सालों में 344 लोगों की मौत, हैरान करने वाले हैं ये आंकड़े

कड़वी सच्चाई यह भी है कि कई परिवारों को भरपेट भोजन या कहें कि भरपूर पोषण नसीब नहीं होता। इस वजह से हर साल कुपोषण से कई लोग दम तोड़ देते हैं।

By Edited By: Updated: Mon, 03 Sep 2018 07:46 AM (IST)
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भरपूर पोषण न मिलने से पांच सालों में 344 लोगों की मौत, हैरान करने वाले हैं ये आंकड़े
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली सरकार इस बात पर अपना पीठ थपथपाने से नहीं चुकती कि राजधानी में प्रति व्यक्ति आय तीन लाख से ज्यादा है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में दिल्ली देश में दूसरे स्थान पर है, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर इस बड़ी उपलब्धि के बीच एक कड़वी सच्चाई यह भी है कि कई परिवारों को भरपेट भोजन या कहें कि भरपूर पोषण नसीब नहीं होता। इस वजह से हर साल कुपोषण से कई लोग दम तोड़ देते हैं।

कुपोषण से 344 लोगों की मौत

पिछले पांच साल में दिल्ली में कुपोषण से 344 लोगों की मौत हो गई। यह आंकड़े दिल्ली सरकार के नागरिक पंजीकरण सर्वे में दर्ज हैं। आर्थिक व सांख्यिकी निदेशालय हर साल जन्म और मृत्यु का नागरिक पंजीकरण सर्वे रिपोर्ट तैयार करता है। इसमें मृत्यु के जो कारण दिए गए हैं उसमें हैरान करने वाली बात यह है कि यहां हर साल 65-68 लोगों की मौत कुपोषण से होती है।वर्ष 2012 से 2016 तक कुपोषण से 162 महिलाएं व 182 पुरुष अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके अलावा कुपोषण से मरने वालों में 263 बच्चे थे। इनमें 134 लड़के व 129 लड़कियां शामिल थीं।

खास तरह की कुपोषण की बीमारी

रिपोर्ट के अनुसार, एक खास तरह की कुपोषण की बीमारी क्वाशियोरकोर से 38 लोगों की मौत हुई। यह बीमारी खानपान में प्रोटीन की मात्रा बहुत कम होने के कारण होती है, जबकि शरीर में कैलोरी की मात्रा ठीक होती है। इसके अलावा मरैज्मस (सुखंडी) नामक बीमारी से 54 लोगों की मौत हुई। भरपूर आहार नहीं मिलने पर इससे किसी भी उम्र के लोग पीड़ित हो सकते हैं पर बच्चे इससे अधिक पीड़ित होते हैं। खानपान में प्रोटीन के साथ-साथ कैलोरी व अन्य पोषक तत्वों की कमी के कारण शरीर सूखने लगता है और वजन सामान्य से 62 फीसद तक कम हो जाता है।

जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रही है मदद

कुपोषण दूर करने के लिए सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पूरक पोषाहार, स्कूलों में मिड-डे मिल व जरूरतमंदों को सस्ते दर पर राशन उपलब्ध कराती है, लेकिन कुपोषण से मौत के आंकड़े इन योजनाओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं। साथी ही इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि जरूरतमंदों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है।

पांच सालों में कुपोषण से मौत के आंकड़े
वर्ष पुरुष महिलाएं कुल

2016 32 34 66
2015 24 20 44
2014 36 34 70
2013 33 31 64
2012 57 43 100

मृतकों में बच्चों की संख्या
वर्ष लड़के लड़कियां कुल

2016 25 34 59
2015 24 15 39
2014 28 32 60
2013 20 20 40
2012 37 28 65

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