क्रिसमस की चल रही थी तैयारी, दिल्ली पुलिस के पहुंचने से मची अफरातफरी, पढ़ें 3500 लोगों से ठगी की कहानी
दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर विदेशियों से ठगी करने वाले 42 लोगों को गिरफ्तार किया है। अारोपितों में 26 पुरुष जबकि 16 महिलाएं सहित काल सेंटर का संचालक व चार टीम लीडर शामिल है।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Sun, 20 Dec 2020 06:56 PM (IST)
नई दिल्ली, संतोष शर्मा। दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर विदेशियों से ठगी करने वाले 42 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों में 26 पुरुष जबकि 16 महिलाएं सहित काल सेंटर का संचालक व चार टीम लीडर शामिल है। वे पीड़ित के अपराध में संलिप्तता बता कार्रवाई से बचने के नाम पर उसने हजारों डालर ठग लेते थे। आरोपित अब तक करीब 35 सौ लोगों से 70 करोड़ की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने कॉल सेंटर से 4.5 लाख रुपये सहित 90 से अधिक डिजिटल उपकरण जब्त हैं। मामले की छानबीन जारी है। गत दिनों भी पुलिस ने मोती नगर में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से विदेशियों के साथ ठगी करने वाले 54 लोगों को गिरफ्तार किया था।
साइबर टाइम यूनिट के डीसीपी अनयेष राय ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि पीरागढ़ी स्थित फर्जी कॉल सेंटर से अमेरिकी और अन्य देश के लोगों को ठगा जा रहा है। कॉल सेंटर कर्मी विदेशियों को स्थानीय प्रवर्तन एजेंसी, मादक पदार्थ निरोधक विभाग, यूएस मार्शल सर्विस व अन्य सरकारी विभाग का प्रतिनिधि बनकर फोन करते थे। वे उनसे कहते थे कि किसी वारदात में उनकी संलिप्तता पाई गई है अथवा उनके खाते से गैर कानूनी काम के लिए लेन-देन हुआ है। बाद में पीड़ित को तत्काल गिरफ्तारी की धमकी दी जाती थी। जब वे बुरी तरह डर जाते थे तो आरोपित उन्हें कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए वैकल्पिक विवाद समाधान का सुझाव देते थे।
इसके तहत जुर्माना देकर शख्स को छोड़े जाने का प्रावधान बताया जाता था। बाद में ठग विदेशों से हजारों डालर की राशि बिटकॉइन फार्म में अथवा गूगल गिफ्ट कार्ड्स के माध्यम से अपने खाते में स्थानांतरित करवा लेते थे। इसकी जानकारी के बाद एसीपी आदित्य गौतम की टीम ने अवैध कॉल सेंटर पर छापा मारा और वहां से कॉल सेंटर संचालक रजत व चार टीम लीडर गगन, प्रशांत, एमी और लुसी सहित 42 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
वहीं, कॉल सेंटर से कर्मचारियों के क्रिसमस और नए साल के बोनस के लिए रखे गए 4.5 लाख रुपये सहित इलेक्ट्रानिक उपकरण इत्यादि बरामद हुए। आरोपितों के मोबाइल फोन से ठगी के तरीके की स्क्रिप्ट भी जब्त की गई है। पूछताछ में पता चला कि करीब तीन वर्ष से कॉल सेंटर का संचालन किया जा रहा था। कड़े साक्षात्कार के बाद कर्मियों को कॉल सेंटर में रखा जाता था। ज्यादातर आरोपितों ने अच्छे कॉलेजों से स्नातक कर रखा है।
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