Delhi AIIMS में 23 दिसंबर से अवकाश पर रहेंगे 50 प्रतिशत डॉक्टर, दूर-दराज के मरीजों की बढ़ सकती है परेशानी
दिल्ली एम्स में शनिवार से फैकल्टी स्तर के डाक्टरों की सर्दी की छुट्टियां शुरू हो रही है। करीब 50 फीसदी डॉक्टर 10 जनवरी तक अवकाश पर रहेंगे। इस कारण दूसरे राज्यों से फॉलोअप इलाज के लिए एम्स की ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों को फैकल्टी स्तर के डॉक्टर के परामर्श के बगैर वापस लौटना पड़ सकता है। इसलिए पहुंचने से पहले डॉक्टर की उपस्थिति सुनिश्चित कर लें।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एम्स में शनिवार से फैकल्टी स्तर के डॉक्टरों की सर्दी की छुट्टियां शुरू हो रही है, इसलिए शनिवार से दस जनवरी तक एम्स में 50 प्रतिशत फैकल्टी दो चरणों में बारी-बारी से अवकाश पर रहेंगे। लिहाजा, अस्पताल की ओपीडी में इलाज रेजिडेंट डाक्टरों के ही भरोसे रहेगा। इस वजह से दूर दराज से एम्स में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की मुश्किलें बढ़ सकती है।
खास तौर पर दूसरे राज्यों से फॉलोअप इलाज के लिए एम्स की ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों को फैकल्टी स्तर के डाक्टर के परामर्श के बगैर वापस लौटना पड़ सकता है। इसलिए एम्स पहुंचने से पहले मरीज संबंधित डॉक्टर की अस्पताल में उपलब्धता की जानकारी जरूर कर लें।
पहुंचते हैं प्रतिदिन करीब 13 हजार मरीज
एम्स में अभी करीब 840 फैकल्टी हैं। इसमें से करीब आधे डॉक्टर 23 दिसंबर से नौ दिन के लिए अवकाश पर चले जाएंगे। इन डॉक्टरों के एक जनवरी को वापस ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद शेष 50 प्रतिशत डॉक्टर दस जनवरी तक अवकाश पर रहेंगे। एम्स की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 13 हजार मरीज पहुंचते हैं।नए मरीज की तुलना में पुराने मरीज अधिक
इसमें नए मरीजों की तुलना में पुराने मरीज अधिक होते हैं। ओपीडी में मरीजों के दबाव के मद्देनजर अस्पताल प्रशासन के निर्देश दिया है कि छुट्टी के दौरान सभी विभागों में फैकल्टी स्तर के 50 प्रतिशत डॉक्टर हर हाल में ड्यूटी पर मौजूद रहेंगे। ताकि मरीजों का इलाज ज्यादा प्रभावित न होने पाएं।
OPD में पहुंचते हैं दूसरे राज्यों से अधिक मरीज
एम्स की ओपीडी में दूसरे राज्यों से अधिक पहुंचते हैं। बहुत मरीज बगैर अप्वाइंटमेंट के भी ओपीडी में पहुंचते हैं। ऐसे में ओपीडी में फैकल्टी स्तर के डॉक्टरों के मौजूद नहीं रहने पर रेजिडेंट डॉक्टर को ही दिखाकर मरीज को वापस लौटना पड़ेगा।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।