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स्कूली ड्रेस की खेप देख दंग रह गए अफसर, जांच में खुला ऐसा राज; निगम के अधिकारियों पर गिरेगी गाज

Delhi News राजधानी दिल्ली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 50 हजार स्कूली ड्रेस पिछले 10 साल से स्टोर में धूल फांक रही हैं। अब यह मामला सामने आया तो अधिकारी भी दंग रह गए। इस मामले में नगर निगम ने जांच बैठा दी है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि आखिर बच्चों को ड्रेस क्यों नहीं बांटी गई।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 06 Nov 2024 11:47 AM (IST)
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10 साल पहले खरीदी गईं ड्रेस स्टोर में धूल फांक रही थीं। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। दिल्ली में नरेला नगर निगम जोन में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। करीब 50 हजार स्कूली बच्चों के लिए 10 साल पहले खरीदी गईं ड्रेस स्टोर में धूल फांक रही थीं। स्कूल ड्रेस बच्चों को बांटी ही नहीं गई। ड्रेस पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं।

वहीं, मामला सामने आने के बाद नगर निगम ने जांच बैठा दी है। तीन सदस्यीय टीम को इसी सप्ताह रिपोर्ट देने के लिए कहा है। ड्रेस के लिए कंपनी को भुगतान किया गया था या नहीं, इसको लेकर अधिकारियों के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं है। ड्रेस की इस खेप की खरीद दिल्ली नगर निगम मुख्यालय से हुई थी।

बताया गया कि वर्षों से बंद पड़े नरेला नगर निगम जोन का स्टोर खोला गया, तो कर्मचारी उस समय अवाक रह गए, जब स्टोर में करीब 50 हजार बच्चों की स्कूल ड्रेस खराब हालत में पड़ी मिलीं। इसके बाद यह मामला वरिष्ठ अधिकारियों के पास पहुंचा।

एक कंपनी से तैयार कराई थी ड्रेस

वर्ष 2013-14 में एक कंपनी से प्राथमिक स्कूल के बच्चों के लिए ड्रेस तैयार करवाई गई थी। दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने जिस कंपनी को स्कूल ड्रेस बनाने का ऑर्डर दिया था, उस कंपनी ने ओवर साइज की ड्रेस बनाकर भेज दी थीं। ड्रेस का साइज बड़ा होने की वजह से बच्चों को नहीं वितरित की गई।

शिक्षा विभाग का क्या कहना...

इस संबंध में दिल्ली नगर निगम के कई अधिकारियों से बात की गई, लेकिन ज्यादातर का यही कहना है कि 10 वर्ष पुराने मामले में वे फिलहाल कुछ नहीं कह सकते हैं। दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग का कहना है कि निगम के एकीकरण से पहले जब नगर निगम तीन भागों में विभक्त था, तब दक्षिणी और पूर्वी नगर निगम स्कूली बच्चों को ड्रेस खरीदने के लिए बजट उपलब्ध कराती थी।

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ड्रेस की धनराशि बच्चों के खाते में सीधे ट्रांसफर कर दी जाती थी, जबकि उत्तरी नगर निगम अपने स्कूलों के बच्चों के लिए ड्रेस खुद खरीदकर देता था। इसी दौरान उत्तरी नगर निगम ने एक कंपनी को करीब 50 हजार बच्चों की स्कूल ड्रेस खरीदने का ऑर्डर दिया था।

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स्टोर का निरीक्षण कर जानकारी जुटाई

दिल्ली नगर निगम के प्रवक्ता अमित कुमार ने बताया कि जांच के लिए एक प्रधानाचार्य और दो विद्यालय निरीक्षक की टीम गठित की गई है, जो कि पूरे प्रकरण की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी द्वारा एक बार स्टोर का निरीक्षण कर जानकारी जुटाई गई है। कमेटी की पूरी रिपोर्ट आने के पश्चात ही कुछ कहना संभव होगा।

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