दिल्ली में प्रदूषण से जंग की तैयारी, MCD की 539 टीमें रहेंगी तैनात; कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एमसीडी ने तैयारी कर ली है। इसके लिए 539 टीमों का गठन किया है। ये टीमें कूड़ा जलाने पेड़-पौधों के सूखे पत्तों को जलाने मलबे और निर्माण कचरे से होने वाले प्रदूषण को रोकने का काम करेंगी। इसके साथ ही धूल से वायु प्रदूषण न हो इसके लिए भी निगम काम कर रहा है।
निहाल सिंह, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण के नियंत्रण व रोकथाम के लिए एमसीडी ने 539 टीमों का गठन किया है। यह टीम कूड़ा और पेड़-पौधे के सूखे पत्ते जलाने के खिलाफ कार्रवाई करेगी। इन टीमों में 1,422 कर्मचारी और अधिकारियों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही मलबे और निर्माण कचरे से होने वाले प्रदूषण को रोकेंगे। इसके साथ ही निगम धूल से वायु प्रदूषण न हो, इसके लिए भी काम कर रहा है।
तीन शिफ्ट में काम करेंगी निगरानी टीमें
एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निगरानी टीमें तीन शिफ्ट में काम करेंगी। विशेषकर कचरा जलाने से रोकने के लिए सुबह और शाम को पार्कों व खाली स्थानों के आस-पास निगरानी की जाएगी।
कचरा और सूखे पेड़ पत्ते जलाने से रोकने को 312 टीमें गठित की गई है, इनमें 825 कर्मचारी लगाए गए हैं। बाकी टीमें मलबे और निर्माण से होने वाले प्रदूषण की निगरानी के साथ ही उसे रोकने का काम करेंगी।
अब तक 546 लोगों के किए गए चालान
निगम के एक अधिकारी ने बताया कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है तो वैसे-वैसे कूड़ा जलाने की घटनाएं बढ़ने लगती हैं। वहीं, सड़क किनारे पड़े मलबे को भी लोग इधर-उधर डाल देते हैं। इन टीमों का काम कचरा जलाने से रोकने और सड़कों के इधर-उधर डाले गए मलबे को रोकना है। उन्होंने बताया कि अभी तक कूड़ा जलाने पर 546 चालान कर दिए गए हैं।
साथ ही तय स्थान पर मलबा निस्तारण न करने पर 104 चालान किए गए हैं। भवन विभाग ने मलबा और धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने पर लापरवाही के लिए 4,522 चालान जारी किए हैं। अधिकारी ने बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधंन आयोग (सीएक्यूएम) के दिशा-निर्देशों के तहत पांच हजार वर्ग मीटर से अधिक के निर्माण स्थलों पर एंटी स्माग गन लगा दी गई है।
निर्माण स्थलों पर नौ एंटी स्मॉग गन तैनात
यह सुनिश्चित किया गया है कि न केवल एंटी स्मॉग गन लगे बल्कि यह संचालित भी रहें। इसके तहत सिविल लाइंस जोन में एक निर्माण स्थल 30,000 वर्ग मीटर का है। जहां पर चार एंटी स्मॉग गन तैनात की गई हैं। इसी प्रकार सिटी एसपी जोन में दो अलग-अलग निर्माण स्थलों पर नौ एंटी स्मॉग गन तैनात की गई है।
एमसीडी के 12 जोन में पांच हजार वर्ग मीटर से बड़े प्लाट पर 32 निर्माण स्थल हैं। जहां 69 मोबाइल एंटी स्माग गन और 26 एंटी स्मॉग गन तैनात की गई हैं। इसके अतिरिक्त निगम ने अपनी तीनों लैंडफिल समय ऊंची इमारतों पर निगम ने 45 एंटी स्मॉग गन तैनात की हैं।
पंजाब-हरियाणा में पराली जलने से रोकेंगी 26 केंद्रीय टीम
सर्दी के मौसम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण का एक बड़ा कारण पराली का धुआं होता है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाया जाना शुरू हो चुका है। इसके मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने 26 केंद्रीय टीमें गठित कर पंजाब और हरियाणा के हॉट स्पॉट वाले जिलों में तैनात की हैं।
यह टीमें जिला प्रशासन के संपर्क में रहेंगी। ताकि धान की कटाई के बाद बगैर पराली जलाए उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से बेहतर निस्तारण किया जा सके। सीएक्यूएम के अनुसार पराली का खेत में ही निस्तारण या किसी दूसरी जगह ले जाकर प्रबंधन करना होगा। इसके अलावा पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम की निगरानी व समन्वय के लिए चंडीगढ़ में एक धान पराली प्रबंधन प्रकोष्ठ का गठन होगा।
पराली जलाने की 454 घटनाएं हुई
- सीएक्यूएम ने कहा है कि 15 सितंबर से नौ अक्टूबर के बीच पराली जलाने की 454 घटनाएं हुई हैं।
- इसमें से 267 घटनाएं पंजाब और 187 घटनाएं हरियाणा में हुई हैं।
- सीएक्यूएम ने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के सभी जिला अधिकारियों को पराली जलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार दे दिया है।
- राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन अधिनियम 2021 की धारा 14 (2) के तहत कार्रवाई होगी।