दिल्ली में हो रहा है बदलाव, इतने फीसदी लोगों ने पटाखे जलाने पर कहा NO
वा को साफ रखने के लिए 64 फीसद दिल्लीवासियों ने इस दिवाली पर पटाखे जलाने के सवाल पर न कहा है।
By Pooja SinghEdited By: Updated: Thu, 24 Oct 2019 12:20 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। हवा को साफ रखने के लिए 64 फीसद दिल्लीवासियों ने इस दिवाली पर पटाखे जलाने के सवाल पर न कहा है। केवल सात फीसद लोग ही ऐसे हैं जो ग्रीन पटाखे जबकि 10 फीसद लोग अब भी सामान्य पटाखे जलाने की बात कर रहे हैं। 18 फीसद लोगों ने सिर्फ फुलझड़ी जलाने और अन्य पटाखों से दूर रहने की बात कही है। दरअसल, लोकल सर्कल नाम की संस्था ने दिवाली से पहले एक ऑनलाइन सर्वे कर बुधवार को इसे जारी किया। इस सर्वे में लोगों से पांच सवाल पूछे गए।
सर्वे में 61 हजार लोगों ने लिया हिस्सासर्वे में कुल 61 हजार लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें 36 हजार लोग दिल्ली और उसके आसपास के शहरों गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के थे। इसी संस्था द्वारा पिछले साल कराए गए सर्वे में दिल्ली-एनसीआर के 35 फीसद लोगों ने कहा था वह दिवाली के बाद दिल्ली छोड़कर जाने की योजना बना रहे हैं क्योंकि सरकार प्रदूषण को रोकने में विफल रही है।
इस बार प्रदूषण से निपटने की बात पर सबसे अधिक 43 फीसद लोगों ने कहा है कि वह कोई प्लान नहीं बना रहे हैं। उन्होंने मास्क और एयर प्यूरीफायर खरीदना भी तय नहीं किया है। 17 फीसद लोग मास्क और एयर प्यूरीफायर के सहारे प्रदूषण से बचने की कोशिश कर रहे हैं। 13 फीसद लोग प्यूरीफायर, 12 फीसद लोग मास्क के सहारे प्रदूषण से बचने की कोशिश में हैं।पराली जलाने को बताया प्रदूषण का कारण
इस सर्वे में सर्दियों के दौरान दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की मुख्य वजह 42 फीसद लोगों ने पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जल रही पराली को बताया। जबकि 17 फीसद लोगों ने इसकी वजह सड़कों की धूल, 13 फीसद ने कूड़े में आग, 15 फीसद ने गाड़ियों से निकलने वाले धुएं को बताया। जबकि महज 4 फीसद लोगों ने प्रदूषण की वजह दिवाली पर होने वाले पटाखों को माना है। 52 फीसद लोग ईपीसीए के उस कदम को सही मान रहे हैं जिसमें वह प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली-एनसीआर के डीजल जेनरेटरों पर रोक लगाई गई है जबकि 44 फीसद लोग इसके विरोध में हैं। दिल्ली में 4 से 15 नवंबर तक शुरू हो रही ऑड-इवेन स्कीम पर 21 फीसद लोग मिल रही छूटों से खुश हैं जबकि 74 फीसद लोग इन्हें सही नहीं मानते।
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