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भारत घूमने आने वाले 80% पर्यटकों में G20 देशों के लोग, शिखर सम्मेलन के बाद पर्यटन उद्योग को अब जगी बड़ी उम्मीद

G20 Summit in Delhi जी-20 सम्मेलन के सफल ऐेतिहासिक आयोजन से दिल्ली समेत देश के पर्यटन उद्योग को ऊंची उड़ान मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। विश्व के प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों के साथ ही हजारों विदेशी मेहमानों का एक साथ जिस तरह से अतिथि देवो भव के मंत्र से आत्मीय आथित्य दिया गया है उसकी सराहना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है।

By Nimish HemantEdited By: GeetarjunUpdated: Tue, 12 Sep 2023 08:43 PM (IST)
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भारत घूमने आने वाले 80% पर्यटकों में G20 देशों के लोग।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। G20 Summit in Delhi: जी-20 सम्मेलन के सफल ऐेतिहासिक आयोजन से दिल्ली समेत देश के पर्यटन उद्योग को ऊंची उड़ान मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। विश्व के प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों के साथ ही हजारों विदेशी मेहमानों का एक साथ जिस तरह से अतिथि देवो भव: के मंत्र से आत्मीय आथित्य दिया गया है, उसकी सराहना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। इसके साथ ही इस आयोजन से खुद देश के पर्यटन उद्योग का भी विश्वास काफी बढ़ा है।

पर्यटन उद्योग का मानना है कि शिखर सम्मेलन के आयोजन के बाद से जी-20 देशों और आमंत्रित नौ देशों के अलावा दुनिया के अन्य मुल्कों से और अधिक संख्या में पर्यटक आएंगे। वैसे, मौजूदा समय में देश में आने वाले कुल पर्यटकों में 80 प्रतिशत की भागेदारी जी-20 देशों की ही है।

अब पूरे विश्व से लोग भारत घूमना चाहेंगे

संभावना है कि अब इस आयोजन के बाद देश में पूरे विश्व से लोग आना चाहेंगे और भारत को समझना चाहेंगे। देश में आने वाले विदेशी पर्यटकों का एक अहम पड़ाव दिल्ली भी होता है। आगरा-जयपुर के ट्राएंगल में दिल्ली एक भाग है।

पर्यटन उद्योग की स्थिति अब भी ठीक नहीं

कोरोना महामारी के बाद से पर्यटन उद्योग वर्ष 2020 के पूर्व की स्थिति में आने को लेकर प्रयासरत है। हालांकि, अभी भी स्थिति पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है। यूक्रेन-रूस युद्ध जैसे अन्य वैश्विक कारणों से अभी भी पर्यटन उद्योग प्रभावित है।

कोरोना से पहले एक करोड़ से ज्यादा पर्यटक आते थे भारत

एक आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष लगभग 62 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए थे। उसमें जी-20 देशों के पर्यटकों की भागीदारी 50 लाख के करीब थी। जबकि कोरोना महामारी से पहले देश में विदेशी पर्यटकों की संख्या एक करोड़ 10 लाख के करीब पहुंच गई थी।

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पर्यटन में अभी बढ़ोत्तरी न होने के कारण

पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के अनुसार, पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी में कुछ मामले अवरोध खड़े कर रहे हैं। एक ओर यूक्रेन-रूस युद्ध से हवाई जहाज ईंधन के दाम काफी बढ़ गए हैं। इसका असर हवाई टिकट के दाम पर पड़ा है। दूसरे, कोरोना काल में बंद हुई कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें पूरी तरह से बहाल नहीं हुई है।

इन मुश्किलों के बाद भी उद्योग उम्म्मीद जता रहा है कि आने वाले दो से तीन वर्ष में विदेशी पर्यटकों की संख्या कोरोना पूर्व की स्थिति में पहुंच जाएगी और इसमें जी-20 का आयोजन सकारात्मक योगदान देगा।

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अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ा देश का कद

इंडियन चैंबर ऑफ कामर्स के एविएशन व टूरिज्म कमेटी के चेयरमैन सुभाष गोयल कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का कद काफी बढ़ा है। हमने यह दिखाया कि विश्व के सबसे बड़े आयोजनों को सफलतापूर्वक कर सकते हैं। विशेष बात कि इस जी-20 सम्मेलन के विभिन्न बैठकों का आयोजन देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर हुआ है।

इससे पूरे विश्व को देश की प्राकृतिक, सांस्कृतिक विविधता को जानने का अवसर मिला है। इसके साथ ही वह इसका पूरा लाभ उठाने के लिए विभिन्न देशों में एजेंटों को बहाल करने की मांग करते हैं। वह कहते हैं कि फिलवक्त विभिन्न देशों में भारत के पर्यटन कार्यालय बंद हैं। ऐसे में एजेंटों का लाभ मिल सकता है।

जी-20 सम्मेलन की बैठकों में पर्यटन भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र माना गया है और इस ओर सामूहिक कदम उठाने की रणनीति बनाई गई है। इसमें कई वर्ग में पर्यटन की संभावनों को तलाशने तथा पर्यटन स्थलों पर बेहतर सुविधाओं पर जोर दिया गया है। किसी देश के बेहतर पर्यटन केंद्र को माडल के तौर पर लेने को कहा गया है।

गोवा-कश्मीर में हुई बैठकें

ट्रैवल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उत्तर क्षेत्र के सचिव अनुराग अग्रवाल के मुताबिक पर्यटन क्षेत्र में आपसी समन्वय को बढ़ाने के लिए गोवा और कश्मीर जैसे राज्यों में बैठकें हुई हैं। इसके लिए कई बिंदू चिह्नित किए गए हैं। इसका फायदा देश के पर्यटन उद्योग को मिलेगा। यहीं नहीं हमने इस आयोजन के साथ ही कई आधारभूत संरचनाओं का विकास किया है। यह पूरी दुनिया ने देखा है।

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