दिल्ली में 8,280 इलेक्ट्रिक बसें अगले साल सड़कों पर उतरेंगी, ट्रांसपोर्ट सिस्टम के साथ पर्यावरण भी होगा दुरुस्त
दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार हर स्तर पर कदम उठा रही है। अन्य प्रयासों के साथ ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसाें काे भी सड़कों पर उतार देने की दिल्ली सरकार की योजना है। अगर वर्तमान की भी बात करें तो दिल्ली देश का एकमात्र शहर है जिसके पास कुल बसाें में 25 प्रतिशत बसें इलेक्ट्रिक हैं।
दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्या
दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार हर स्तर पर कदम उठा रही है। अन्य प्रयासों के साथ ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसाें काे भी सड़कों पर उतार देने की दिल्ली सरकार की योजना है। अगर वर्तमान की भी बात करें तो दिल्ली देश का एकमात्र शहर है, जिसके पास कुल बसाें में 25 प्रतिशत बसें इलेक्ट्रिक हैं।2022 में शामिल हुई बसें
- 17 जनवरी डीटीसी बेड़े में एक ई-बस
- दो मार्च दो डीटीसी के बेड़े में नई ई-बसें
- 24 जून को डीटीसी बेड़े में 150 ई-बसें
- 24 अगस्त डीटीसी बेड़े में 97 ई-बसें
2023 में शामिल हुई बसें
- दो जनवरी को डीटीसी बेड़े में 50 इलेक्ट्रिक बसें
- एक मई को डीएमआरसी बसों का अधिग्रहण करके डिम्ट्स बेड़े में 100 बसें
- पांच सितंबर को डीटीसी बेड़े में 400 ई-बसें
- 14 दिसंबर काे डीटीसी बेड़े में 500 ई-बसें
2024 में शामिल हुई बसें
आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं बसें
- सुलभ- दिव्यांग यात्रियों के लिए पूरी तरह से सुलभ, एसी लो-फ्लोर बसें
- किफायती- महिलाओं के लिए निःशुल्क टिकट
- प्रदूषणरहित- कोई धुआं नहीं, कोई शोर नहीं
- स्मार्ट- डिजिटल टिकटिंग का प्रविधान
- सुरक्षित- जीपीएस, सीसीटीवी, पैनिक बटन और हूटर से लैस
यह भी पढ़ेंः जीबी रोड के कोठा नंबर 59 में पहुंची पुलिस, दो नाबालिग के साथ हो रहा था गंदा काम; सामने आया चौंकाने वाला सचदिल्ली सरकार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की परिकल्पना के अनुसार दिल्ली को दुनिया की ईवी राजधानी बनाने के लिए काम कर रही है। दिल्ली इस लक्ष्य के करीब पहुंच रही है। सरकार का प्रयास दिल्ली को सस्ती और प्रदूषण रहित परिवहन सेवा देना है। ईवी के क्षेत्र में दिल्ली में एक क्रांति आ रही है। अगले साल दिसंबर तक कुल 10,480 बसें चलाने का लक्ष्य है, जिसमें 80% (8,280 बसें) इलेक्ट्रिक होंगी। ये बसें अगले साल से सालाना इतनी कार्बन डाईऑक्साइड बनने से बचत कर सकेंगी जितनी एक करोड़ 87 लाख पेड़ लगाकर बचाई जा सकेगी।अगले साल तक हमारा लक्ष्य दिल्ली को दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक बस बेड़ा वाला शहर बनाने का भी है। - कैलाश गहलोत, परिवहन मंत्री, दिल्ली सरकार