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यमुना की सफाई को लेकर फिर छिड़ी जंग, आमने-सामने आए उपराज्यपाल व AAP; वीके सक्सेना ने एक्स पर किया पोस्ट

Yamuna Update दिल्ली में यमुना की सफाई को लेकर एक बार फिर से आम आदमी पार्टी और दिल्ली के उपराज्यपाल आमने-सामने आ गए हैं। यमुना की सफाई को लेकर दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। एलजी ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने जनवरी 2023 में यमुना की सफाई के लिए उनकी अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था।

By Kapil Kumar Edited By: Kapil Kumar Updated: Fri, 15 Nov 2024 09:36 AM (IST)
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यमुना की सफाई को लेकर आप और उपराज्यपाल के बीच विवाद शुरू। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। यमुना की सफाई को लेकर एक बार फिर से उपराज्यपाल वीके सक्सेना व आम आदमी पार्टी आमने-सामने है। पिछले दिनों एक कार्यक्रम में उपराज्यपाल ने आप संयोजक व पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर यमुना की सफाई का काम रुकवाने का आरोप लगाया था।

बृहस्पतिवार को उन्होंने फिर से एक्स पर पोस्ट कर इस आरोप को दोहराया है। उन्होंने कहा कि उनकी अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने यमुना की सफाई का काम शुरू किया था। उसके अच्छे परिणाम आ रहे थे लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल को लगा कि इसका श्रेय उन्हें नहीं मिलेगा, इसलिए सुप्रीम कोर्ट जाकर काम रुकवा दिया।

वहीं, आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल पर दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं का श्रेय लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।

यमुना की सफाई को लेकर फिर छिड़ी जंग

उपराज्यपाल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने जनवरी 2023 में यमुना की सफाई के लिए उनकी अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। समिति की पांच बैठकें हुई थी और यमुना की सफाई का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया गया। यमुना डूब क्षेत्र से अतिक्रमण हटाकर 11 किलोमीटर हिस्से को साफ किया गया था। पानी की गुणवत्ता में भी सुधार होने लगा था।

वहीं, इसके विरोध में केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट जाकर स्टे ले लिया। इस कारण पांच माह में ही यमुना की सफाई का काम ठप हो गया। उसके बाद यमुना की सफाई का काम नहीं हो सका। यमुना और दूषित हो गई, जिस कारण हाई कोर्ट ने छठ पूजा में नदी में अर्घ्य देने पर रोक लगा दी।

आम आदमी पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा कि यमुना की सफाई को लेकर गठित उच्च स्तरीय समिति ने उपराज्यपाल की अध्यक्षता के दौरान कोई नया काम नहीं किया है। सभी कार्य चुनी हुई दिल्ली सरकार की परियोजनाओं से संबंधित थे।

नजफगढ़ ड्रेन और शाहदरा ड्रेन की सफाई का काम किया

दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले दिल्ली जल बोर्ड और बाढ़ एवं सिंचाई विभाग द्वारा सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का काम, नजफगढ़ ड्रेन और शाहदरा ड्रेन की सफाई का काम किया है। इससे संबंधित परियोजनाओं का सारा पैसा दिल्ली सरकार ने विधानसभा के बजट में पास किया और दिल्ली सरकार के कैबिनेट ने पैसा आवंटित किया। अब उपराज्यपाल इसका श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी अध्यक्षता में न तो नया सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बना और न कोई और कार्य हुआ।

आप ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ने अधिकारियों पर दबाव डालकर गैर वैज्ञानिक तरीके से नजफगढ़ नाले के अंदर से गाद निकालवाया। वहां से निकाला गया गाद यमुना में भर गया। पिछले वर्ष बाढ़ आने का यह बड़ा कारण था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें उच्च स्तरीय समिति से हटाया है, क्योंकि वह गैर संवैधानिक तरीके से काम कर रहे थे। अब वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय़ पर प्रश्न खड़ा कर रहे हैं।

डीडीए ने गलत तरीके से 1670 पेड़ काट दिए

उपराज्यपाल के दिल्ली पुलिस और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) है, जिसे संभालने में वह विफल हैं। दिल्ली में कानून व्यवस्था की बुरी स्थिति है। उपराज्यपाल के निर्देश पर डीडीए ने गलत तरीके से 1670 पेड़ काट दिए। इसके लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट में बार-बार सफाई देनी पड़ रही है।

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