Delhi AIIMS में बनेगा एयरपोर्ट जैसा शानदार लाउंज, 500 मरीजों-परिजनों को मिलेगी खास सुविधा
दिल्ली एम्स में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल एम्स में 500 मरीजों और तीमारदारों के बैठने के लिए लाउंज बनाया जाएगा। इस लाउंज में बैठने वाले मरीजों को कई सुविधाओं का लाभ मिलेगा। अभी तक सिर्फ एयरपोर्ट में ही ऐसे लाउंज हैं। अब अस्पताल में भी मरीजों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा। साथ ही वेटिंग रूम बनाए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 500 मरीजों और तीमारदारों के बैठने के लिए लाउंज बनाया जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सीएसआर फंड के जरिये इसका निर्माण होगा। इसका निर्माण गेट संख्या दो के पास स्थित पार्किंग के स्थान पर होगा।
एम्स मीडिया सेल की पीआइसी प्रो. रीमा दादा ने बताया कि लाउंज कई सुविधाओं से युक्त होगा। एयरपोर्ट के लाउंज की तर्ज पर यहां भी पीने का साफ पानी, फूड वेडिंग मशीन, वेटिंग हॉल आदि इसमें होगा। पूरे दिन में यहां तीन से चार हजार लोग बारी-बारी से बैठ सकेंगे।
हॉल में शुरू होगी बस सेवा
प्रो. दादा ने बताया कि अस्पताल में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए प्रशासन कई कदम उठा रहा है। हॉल में बस सेवा भी शुरू की जा रही है। मरीज बाहर बैठे रहते हैं, उनको देखते हुए लाउंज बनाने का निर्णय लिया गया है।
मरीजों की सुविधा के लिए अंडर ग्राउंड पार्किंग के ऊपर, मदर चाइल्ड ब्लाक के पास पहले से ही वेटिंग रूम बनाए जा रहे हैं। उसी कड़ी में और सार्थक प्रयास किया गया है।
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सुबह 7 से शाम 7 बजे तक रहेगी सेवा
लोगों की आवाजाही आरामदायक बनाने के लिए ई-बस सेवा शुरू की जा रही है। आधुनिक सुविधाओं जैसे एयर-कंडीशनिंग, ऊर्जा-बचत प्रवेश के लिए लो फ्लोर और व्हीलचेयर एक्सेस के साथ इन ई-बसों (20-सीटर) का एक और सेट केवल एम्स के मरीजों और उनके देखभाल करने वालों को प्रदान किया जाएगा। इनमें बैठकर मरीज परिसर के भीतर कहीं भी जा सकेंगे।
हर 10 से 15 मिनट में मिलेगी बस
सुबह सात से शाम सात बजे तक सेवा रहेगी। इस दौरान हर 10 से 15 मिनट में बस मिलेगी। छुट्टी के दिन सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। मरीजों की सुविधा के लिए आश्रय और कॉल बटन के साथ निर्दिष्ट स्टाप की सुविधा होगी। इनमें सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस लगा होगा।
यूपीआई और एम्स स्मार्ट कार्ड के जरिये किराया भुगतान किया जा सकेगा। इसके जरिये यातायात बनाने और ध्वनि प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।