Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Arvind Kejriwal: सीएम आवास नवीनीकरण की जांच मामले में आया नया मोड़, पहली बार PWD के किसी अधिकारी का नाम आया सामने

पीडब्ल्यूडी के सेवानिृत्त अधिकारी एके आहूजा के अनुसार शशिकांत के कार्यकाल के दौरान ही कार्य निष्पादित किया गया था। इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि कारण बताओ नोटिस गलती से मुझे दिया गया है और मुझे बलि का बकरा बनाया गया है। वास्तव में इसे शशिकांत को दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मुझे नोटिस भेजने के मामले में कुछ त्रुटि हुई है।

By V K Shukla Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 05 Jul 2024 02:59 PM (IST)
Hero Image
सीएम आवास नवीनीकरण मामले में प्रधान मुख्य अभियंता रहे आहूजा ने लिया विभाग के प्रमुख अभियंता शशिकांत का नाम।

वी के शुक्ला, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास में नवीनीकरण में अनियमितताओं को लेकर चल रही जांच में नया मोड़ आ गया है। इस परियोजना में उस समय शामिल रहे लोक निर्माण विभाग के प्रधान मुख्य अभियंता एके आहूजा ने दिल्ली सरकार को भेजे लिखित जवाब में कहा है कि इस मामले में वह नहीं बल्कि उस समय के विभाग प्रमुख रहे शशिकांत ने आदेश दिए थे।

इस मामले में यह पहली बार है कि विभाग प्रमुख रहे किसी अधिकारी का नाम सामने आया है। फिलहाल सरकार का सतर्कता निदेशालय मामले की जांच कर रहा है। उधर शशि कांत ने कहा है कि यह मामला कभी उन तक नही आया। अगर काेई यह कहता है कि उन्होंने कोई आदेश दिए हैं ताे वह पेपर सामने लाए जाएं।

सात अभियंताओं को भेजा गया था नोटिस

यह पूरा नया विवाद इसलिए सामने आया है, क्योंकि दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने मुख्यमंत्री के आवास में नवीनीकरण में अनियमितताओं के मामले में जांच करने के बाद जब इसमें आराेपी सात अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस भेजा था, जिसमें उनसे जवाब मांगा गया। इसमें अधिकतर अभियंताओं ने जवाब दे दिया है। इन सात अभियंताओं में दो अभियंता ऐसे हैं जो सेवानिवृत्त हो गए हैं।

काम शुरू होने तक सेवानिवृत्त हो गया था: एक आहूजा

इनमें उस समय अधिशासी अभियंता रहे एस एन धारा और विभाग के प्रधान मुख्य अभियंता एक के आहूजा भी शामिल हैं। आहूजा ने अपने जवाब में कहा है कि मैं सितंबर 2020 में सेवानिवृत्त हो गया था। जबकि इस मामले की निविदा अक्टूबर में जारी की गई और कंपनी को काम दिसंबर में सौंपा गया था। आहूजा के अनुसार इस परियोजना पर काम शुरू होने पर मैं सेवानिवृत्त हो गया था।

आहूजा ने अपने जवाब में कहा है कि मुझे दिए गए कारण बताओ नोटिस का पैरा 94 (व ) भी मुझसे संबंधित नहीं है जिसमें कहा गया है कि मैंने सलाहकार को नियुक्त करने के लिए 'अति आवश्यक' का उल्लेख किया है। उन्होंने अपने नोटिस के पैरा 16 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इंजीनियर इन चीफ यानी उस समय के विभाग प्रमुख ने 27 जुलाई 2020 को पीआर को निर्देशित किया।

मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं: एके आहूजा

नोटिस के जवाब के अनुसार उस समय मैं नहीं, शशिकांत इंजीनियर इन चीफ थे। उन्होंने कहा है कि इससे पता चलता है कि कारण बताओ नोटिस के पैरा 94 में सूचीबद्ध चूक/अनियमितता मुझसे संबंधित नहीं है। आहूजा को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि उन्होंने पुराने निर्माण को ताेड़ने की सिफारिश की थी। आहूजा ने अपने जवाब में कहा है कि उस समय के प्रमुख अभियंता (इंजीनियर-इन-चीफ) द्वारा किया गया था, मेरे द्वारा नहीं किया गया था।

जवाब के अनुसार आहुजा ने कहा कि ऐसा लगता है कि अनुशासनात्मक प्राधिकारी ने यह मान लिया है कि प्रधान मुख्य अभियंता और प्रमुख अभियंता का पद एक ही व्यक्ति के पास था, लेकिन तथ्य यह है कि मैं प्रधान मुख्य अभियंता था।उन्हाेंने कहा कि मैं 30 सितंबर 2020 को सेवानिवृत्त हुआ शशिकांत इससे लगभग एक साल बाद 30 अगस्त 2021 को सेवानिवृत्त हुए।

शशिकांत को भेजा जाना चाहिए था नोटिस: एके आहूजा

आहूजा के अनुसार शशिकांत के कार्यकाल के दौरान ही कार्य निष्पादित किया गया था। इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि कारण बताओ नोटिस गलती से मुझे दिया गया है और मुझे बलि का बकरा बनाया गया है। वास्तव में इसे शशिकांत को दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मुझे नोटिस भेजने के मामले में कुछ त्रुटि हुई है।

ये भी पढ़ेंः केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की समीक्षा, तीसरी और छठवीं कक्षा की बाकी आठ पुस्तकें जल्द होंगी उपलब्ध

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें