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IC 814 The Kandahar Hijack पर प्रतिबंध लगाने की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका

IC 814 The Kandahar Hijack पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। हिंदू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने अदालत में याचिका दायर कर अपहर्ताओं की वास्तविक पहचान के बारे में तथ्यों को विकृत करने का आरोप लगाया है। उन्होंने जल्द से जल्द आईसी-814 द कंधार हाईजैक पर प्रतिबंद लगाने की मांग की।

By Vineet Tripathi Edited By: Kapil Kumar Updated: Tue, 03 Sep 2024 05:40 PM (IST)
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आईसी-814: द कंधार हाईजैक पर प्रतिबंद लगाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अपहर्ताओं की वास्तविक पहचान के बारे में तथ्यों को विकृत करने का आरोप लगाते हुए ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर ''आईसी-814: द कंधार हाईजैक'' (IC 814 The Kandahar Hijack) पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।

दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि मिनी-सीरीज में गलती से असली अपहर्ताओं को हिंदू नाम के रूप में दिखाया गया है। इसमें भगवान शिव के अन्य नाम ''भोला'' और ''शंकर'' शामिल हैं, इससे हिंदू समुदाय की भावनाएं आहत होती हैं।

वहीं, किसान व हिंदू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने याचिका दायर कर इसके सार्वजनिक प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है।

लोगों ने शंकर और भोला को लेकर जताया विरोध

बता दें कि जबसे अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज आईसी: द कंधार हाईजैक रिलीज हुई है तभी से ये सुर्खियों में बनी हुई है। इसकी कहानी साल 1999 में हुई कंधार हाईजैक पर आधारित है। सीरीज में दिखाई गए आतंकवादियों के नाम शंकर और भोला को लेकर लोगों ने विरोध जताया है।

लोगों का कहना है कि पांचों आतंवादी मुस्लिम थे, जबकि अनुभव सिन्हा ने जानबूझकर यहां पर हिंदू नामों का प्रयोग किया। अब इन दावों के बीच कैप्टन देवी शरण, जो हाईजैक हुए विमान के पायलट थे ने दो अन्य घटनाएं शेयर की हैं। उन्होंने बताया कि सीरीज में दिखाई गई ये दो घटनाएं वास्तविकता में नहीं हुई थीं। सीरीज में देवी शरण का किरदार विजय वर्मा ने निभाया है।

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क्या चीजें बदली गईं?

टेलीग्राफ को दिए इंटरव्यू में देवी शरण ने बताया कि सीरीज में दिखाया गया है कि विदेश मंत्री हमें सलामी देते हैं जबकि ऐसा कुछ नहीं था। उन्होंने बस इशारे के जरिए हमारे प्रयासों की सराहना की थी। इसके अलावा एक और सीन में दिखाया गया है कि देवी शरण ने प्लंबिंग लाइन्स अपने आप ठीक की थीं। लेकिन असलियत में तालिबान अधिकारियों ने एक कर्मचारी भेजा था। देवी उस कर्मचारी को अपने साथ विमान के होल्ड में लेकर गए थे क्योंकि उसे नहीं पचा था कि लाइने कहां हैं।

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