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One Nation One Election: आम आदमी पार्टी ने 'एक देश एक चुनाव' को लेकर कह दी बड़ी बात, कांग्रेस ने किया था विरोध

Lok Sabha Election 2024 से पहले एक बार फिर One Nation One Election की बहस तेज हो गई है। एक ओर कांग्रेस ने इसको लेकर जहां इसका स्पष्ट विरोध किया है वहीं आम आदमी पार्टी ने भी इस पर रुख अख्तियार कर लिया है। पार्टी ने औपचारिक पत्र जारी करते हुए एक देश एक चुनाव नीति का साफ तौर से विरोध किया है।

By Jagran News Edited By: Pooja Tripathi Updated: Sat, 20 Jan 2024 02:58 PM (IST)
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आम आदमी पार्टी ने एक देश एक चुनाव को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Lok Sabha Election 2024 से पहले एक बार फिर One Nation One Election की बहस तेज हो गई है।

एक ओर कांग्रेस ने इसको लेकर जहां इसका स्पष्ट विरोध किया है, वहीं आम आदमी पार्टी ने भी इस पर रुख अख्तियार कर लिया है। पार्टी ने औपचारिक पत्र जारी करते हुए एक देश एक चुनाव नीति का साफ तौर से विरोध किया है।

सुनने में भले ही अच्छा हो पर लागू करना असली परीक्षा

वन नेशन वन इलेक्शन कमेटी ने लोगों से इस पर सुझाव मांगे हैं। इसी पर आम आदमी पार्टी ने अपना सुझाव दिया है। पार्टी ने कहा है कि भले ही यह सुनने में अच्छा लग रहा हो लेकिन इसका रियल टेस्ट इसके लागू करने में है।

पार्टी का ये भी कहना है कि यह देखना होगा कि क्या यह नीति हमारे लोकतंत्र को मजबूत करती है। क्या यह हमारे संविधान में दिए फ्री एंड फेयर इलेक्शन के सिद्धांत पर खरी उतरती है।

पार्टी का कहना है कि हमारे इन प्रश्नों के उत्तर में इस ड्राफ्ट में केवल एक पत्र मिला है, उसमें भी हमारी समस्याओं का पूरी तरह से समाधान नहीं है।

एक देश एक चुनाव नीति के ड्राफ्ट से उठने वाले सांविधानिक मुद्दे

एक बार में सभी चुनाव होने से संविधान को ठेस पहुंचेगी। यह हमारे संविधान की मूल भावना के साथ भी खिलवाड़ करता है।

पार्टी का कहना है कि जनप्रतिनिधियों द्वारा सरकार चलाना हमारे संविधान और लोकतंत्र की मूल भावना है जो वन नेशन वन इलेक्शन से आहत होगी। आम आदमी पार्टी का कहना है कि इससे हमारे संसदीय ढांचे, फ्री एंड फेयर इलेक्शन, फेडरल स्ट्रक्चर पर पड़ेगा।

हंग एसेंबली जैसे मुद्दों को भी उठाया

आप का ये भी कहना है कि वन नेशन वन इलेक्शन नीति में यह ताकत नहीं है कि वह हंग एसेंबली के मुद्दे को सुलझा सके। उस परिस्थिति में जब किसी को स्पष्ट मत नहीं मिलेगा तब यह नीति क्या करेगी इसका कोई उल्लेख नहीं है। यह नीति एंटी डिफेक्शन लॉ पर भी कुछ नहीं कहती।

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