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Delhi Mayor Election: महापौर के लिए अनुभवी महिला की तलाश, भाजपा पर भी AAP की नजर; दौड़ में ये तीन पार्षद आगे

Delhi Mayor Election महापौर पद के लिए छह जनवरी का दिन भी तय हो चुका है। साथ ही आम आदमी पार्टी की नजर भाजपा पर भी बनी हुई है। AAP को डर है कि कहीं वह अंदरखाने खेल बिगाड़ने की कोशिश न करे।

By V K ShuklaEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 19 Dec 2022 07:44 AM (IST)
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Delhi Mayor Election: महापौर के लिए अनुभवी महिला की तलाश

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के परिणाम आ चुके हैं। अब महापौर पद के लिए छह जनवरी का दिन भी सुनिश्चित हो चुका है, लेकिन आप अभी इसी उधेड़बुन में है कि महापौर किसे बनाया जाए। इसे लेकर मंथन चल रहा है, जिसमें पार्टी के कुछ नेता जातिगत समीकरण बैठा रहे हैं, तो कुछ पार्टी के नजदीकी पार्षदों के लिए माहौल बना रहे हैं। लेकिन, पार्टी के कुछ नेता यह देख रहे हैं कि उनके पास नगर निगम के लिए अनुभवी महिला नेता कौन है। यहां निगम का सदन चलाने की भी बड़ी जिम्मेदारी है।

सदन में आम आदमी पार्टी के पास 134 सदस्य

यह ऐसा सदन होगा जहां नए और कम अनुभव वाले महापौर को सदन चलाना मुश्किल होगा। दरअसल, सदन में 250 में से आम आदमी पार्टी के पास 134 सदस्य हैं, तो भाजपा के पास 104 और कांग्रेस के पास नौ सदस्य हैं। निर्दलीय 3 सदस्य हैं। सदन की व्यवस्था के अनुसार अगर कांग्रेस और निर्दलीय आप को समर्थन नहीं करते हैं, तो विपक्ष में बैठेंगे।

खास बात यह है कि अगर कांग्रेस और निर्दलीय सदन से संबंधित मामलों में भाजपा को समर्थन नहीं भी करते हैं और उनके साथ नहीं खड़े होते हैं तो भी भाजपा मजबूत विपक्ष की भूमिका में होगी। क्योंकि 104 सदस्यों के साथ-साथ अभी 10 एल्डरमैन बनाए जाने हैं। नगर निगम के एक्ट के अनुसार इन्हें बनाए जाने का अधिकार नगर निगम के प्रशासक के पास है जो दिल्ली के उपराज्यपाल हैं।

ऐसे में ये पूरी संभावना है कि ये सदस्य भी भाजपा के समर्थक ही होंगे। इन सदस्यों को भले ही महापौर के चुनाव में वोट डालने का अधिकार न हो, मगर ये सदन की बैठकों में हिस्सा ले सकेंगे। ऐसे में भाजपा अपने दम पर मजबूत स्थिति में होगी। इन सब बातों को देखते हुए आप की ओर से महापौर के लिए जो पार्षद लाया जाएगा, वह अनुभवी और मजबूत छवि का होना चाहिए, जो नगर निगम को समझता हो।

AAP की तीन पार्षद दौड़ में आगे

महापौर का पद महिला के लिए आरक्षित है। तीन महिला पार्षदों में इस पद की दौड़ में प्रोमिला गुप्ता, निर्मला देवी, सारिका चौधरी शामिल हैं। मगर, अनुभव के आधार पर अब दिलशाद कालोनी से चुनाव जीतीं प्रीति का नाम भी गंभीरता से लिया जा रहा है। प्रीति इससे पहले तीन बार चुनाव जीत चुकी हैं। अब चौथी बार चुनाव जीती हैं। यह एक अनुभवी महिला नेता भी मानी जा रही हैं।

इसी तरह भजनपुरा सीट से चुनाव जीतीं रेखा रानी का भी नाम अब लिया जा रहा है। यह 2012 से 2017 के बीच निगम पार्षद रह चुकी हैं। प्रोमिला गुप्ता तिमारपुर से चुनाव जीती हैं, वह पिछला 2017 का नगर निगम चुनाव भी इसी सीट से लड़ चुकी हैं। उस समय चुनाव हार गई थीं। इसके बाद इन्हें आप सरकार ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) का सदस्य बनाया था। इसी

तरह दूसरा नाम सारिका चौधरी का है। सारिका भी डीसीडब्ल्यू की सदस्य थीं, उन्होंने इस पद से इस्तीफा देकर दरियागंज सीट से चुनाव जीता है। तीसरा नाम निर्मला कुमारी का है। वह सैनिक एन्क्लेव से चुनाव जीती हैं। निर्मला महिला विंग की दिल्ली की संयोजक हैं।

भाजपा पर भी आप की नजर

आप की नजर भाजपा पर भी है कि कहीं वह अंदरखाने खेल बिगाड़ने की कोशिश न करे। चुनाव होने के बाद भाजपा अपना महापौर बना लेने का दावा कर चुकी है। गत दिनों आप ने यह आरोप लगाया था कि भाजपा ने खरीदने के लिए उसके दो पार्षदों से संपर्क किया था। हालांकि भाजपा ने भी उनके एक पार्षद को खरीदने की कोशिश करने का आप पर आरोप लगाया था।