एलजी के पत्र पर AAP का पलटवार, दिल्ली सरकार के प्रदूषण रोकने के काम दिख रहे; आपकी भाषा गलत
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर एलजी के पत्र पर आप ने पलटवार किया है। आप ने कहा है कि एक बार फिर एलजी ने सीएम को ऐसी भाषा में पत्र लिखा है जिससे बचना चाहिए। पत्र की भाषा रुखी और अपमानजनक है। आप ने कहा है कि हम एलजी द्वारा उपयोग की गई इस तरह की भाषा की कड़ी निंदा करते हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण को लेकर एलजी के पत्र पर आप ने पलटवार किया है। आप ने कहा है कि एक बार फिर एलजी ने सीएम को ऐसी भाषा में पत्र लिखा है, जिससे बचना चाहिए। पत्र की भाषा रुखी और अपमानजनक है। आप ने कहा है कि हम एलजी द्वारा उपयोग की गई इस तरह की भाषा की कड़ी निंदा करते हैं।
आप ने कहा है कि उनकी सरकार एक जिम्मेदार प्रशासन की कर्मठता का परिचय देते हुए योजनाबद्ध तरीके से इस मुद्दे का डटकर मुकाबला करती है।
दिल्ली सरकार के प्रदूषण रोकने के काम दिख रहे हैं। आप ने कहा कि हमने हर 40 किलोमीटर पर एक एक्यूआई मॉनिटर स्थापित किया है, इतना मजबूत मानिटरिंग तंत्र देश में कहीं और नहीं है। निगरानी का यह व्यापक स्तर हमें प्रदूषण के स्तर का सटीक आकलन करने में सक्षम बनाता है, जिसकी क्षमता अन्य राज्यों में नहीं है।
आप ने कहा है कि हम इस मुद्दे की गंभीरता को स्वीकार करते हैं और इसके समाधान के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता हमारे अथक प्रयासों से स्पष्ट है। आप ने कहा है कि सावधानीपूर्वक योजना और कार्यान्वयन के साथ दिल्ली के सभी 1800 उद्योगों ने पीएनजी ईंधन को अपना लिया है, जो पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसके अलावा हम अपने शहर में अब तक का सबसे अधिक हरित का दावा करते हैं जो 23.6 प्रतिशत है।
इसके अलावा दिल्ली सरकार के ईवी नीति शुरू की है। दिल्ली में 1650 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। इतनी संख्या देश के किसी अन्य शहर में नहीं है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025 तक कुल बसों में 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक करने का है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 2016 में दर्ज किए गए स्तर की तुलना में 30-35% की उल्लेखनीय कमी देखी गई है।
आप ने कहा कि सभी निवासियों के लिए जीवन स्तर को बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता में हमने औद्योगिक, आवासीय और वाणिज्यिक सभी क्षेत्रों में 24x7 निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि ने डीजल-आधारित जनरेटर को लगभग बंद करा दिया दिया है।
आप के अनुसार, दिल्ली सरकार ने कुल मिलाकर 1,080 करोड़ खर्च करके 10 से अधिक महत्वपूर्ण यमुना कायाकल्प परियोजनाएं शुरू की हैं। विशेष रूप से इन प्रयासों में कोरोनेशन पिलर पर 318 मिलियन लीटर प्रतिदिन अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र का निर्माण शामिल है।
इन प्रयासों के बावजूद वित्त सचिव द्वारा धन जारी करने में जानबूझकर और लगातार बाधा डाली गई है, जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण फाइलें महीनों तक उनके कार्यालयों में पड़ी रहती हैं।
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