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केजरीवाल के बाद अब AAP सरकार के पूर्व मंत्री को कोर्ट ने किया बरी, 2016 में दुष्कर्म का केस हुआ था दर्ज

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व मंत्री संदीप कुमार को दुष्कर्म के मामले में बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे आरोप साबित नहीं कर पाया। शिकायतकर्ता भी अभियोजन पक्ष का समर्थन करने में विफल रही। संदीप कुमार पर 2016 में एक महिला से दुष्कर्म का आरोप था।

By Ritika Mishra Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 13 Sep 2024 04:45 PM (IST)
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AAP सरकार में मंत्री रहे संदीप कुमार को दिल्ली कोर्ट ने किया दुष्कर्म मामले में बरी।

जागरण संवाददाता, न‌ई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व मंत्री संदीप कुमार को दुष्कर्म के मामले में अदालत ने बरी कर दिया। संदीप पर वर्ष 2016 में एक महिला से दुष्कर्म का आरोप था।

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने अपने 68 पृष्ठ के आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष उचित संदेह के दायरे से परे आरोपित के अपराध को साबित नहीं कर पाया है और शिकायतकर्ता अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन करने में विफल रहा है।

शिकायतकर्ता ने कहा- वह कभी संदीप कुमार के घर नहीं गई

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पूछताछ के दौरान शिकायतकर्ता ने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई और वह कभी संदीप कुमार के घर नहीं गई। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि उसने कभी पुलिस में कोई मामला दर्ज नहीं करवाया और उसके पास वर्ष 2016 से पहले का राशन कार्ड था।

राशन कार्ड जारी करने के बदले यौन शोषण का आरोप

अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट है कि शिकायतकर्ता उन आरोपों के संबंध में अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन करने में भी विफल रही कि आरोपित ने उसे राशन कार्ड जारी करने के बदले में उसका यौन शोषण किया है। अदालत ने कहा कि अभियोक्ता के पूरे बयान में इस बात का एक शब्द भी नहीं है कि आरोपित ने उसके बच्चों को रोजगार सुनिश्चित करके उसके परिवार को बसाने का आश्वासन दिया था। 

इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य नहीं

अदालत ने कहा कि मेडिकल साक्ष्य संदीप कुमार के खिलाफ धारा 376 (दुष्कर्म) और 328 (अपराध करने के इरादे से जहर आदि से चोट पहुंचाना) के तहत लगाए गए आरोपों को साबित करने में विफल रहे। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों की जिरह से मामले की जांच में गंभीर विसंगतियां सामने आई हैं और अभियोजन पक्ष द्वारा पेन ड्राइव के रूप में प्रस्तुत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य नहीं पाए गए हैं।

अदालत ने कहा कि रिकार्ड में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे यह पता चल सके कि उक्त वीडियो रिकॉर्डिंग को पेन ड्राइव में किसने स्थानांतरित किया, जिससे पेन ड्राइव की प्रामाणिकता अत्यंत संदिग्ध हो जाती है।

वीडियो में दिखने वाले व्यक्ति संदीप कुमार और शिकायतकर्ता

मामले की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के मुकर जाने के बावजूद अभियोजन पक्ष ने जोर देकर कहा कि दो पेन ड्राइव में उपलब्ध वीडियों साक्ष्य के आधार पर संदीप कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अभियोजन पक्ष ने अदालत में चलाए गए पेन ड्राइव में मौजूद वीडियो रिकॉर्डिंग पर भरोसा करते हुए बताया कि वीडियो में दिखने वाले व्यक्ति संदीप कुमार और शिकायतकर्ता हैं। हालांकि, शिकायतकर्ता ने वीडियो में होने से इनकार किया।

उल्लेखनीय है कि सुल्तानपुरी से विधायक और दिल्ली सरकार में मंत्री रहे संदीप कुमार को एक महिला के साथ आपत्तिजनक वीडियो सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। बाद में उन्हें मंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ा। पिछले माह वे हरियाणा भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन कुछ ही घंटों में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था।

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