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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले AAP की धड़कनें हुई तेज, 14 नवंबर को होगी 'अग्निपरीक्षा', बैठकों का दौर जारी

दिल्ली में 14 नवंबर को होने वाले महापौर और उप महापौर चुनाव के लिए बहुमत होने के बावजूद आम आदमी पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पार्टी पार्षदों के मुद्दे सुलझाने और उन पर नजर रखने के लिए वरिष्ठ पार्षदों को जिम्मेदारी दे रही है। हालांकि आप को पूरा भरोसा है कि वह अपने पार्षदों के दम पर एक बार फिर जीत दर्ज करेगी।

By Nihal Singh Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 08 Nov 2024 09:02 PM (IST)
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14 नवंबर को मेयर और डिप्टी मेयर चुनव को लेकर आप नहीं छोड़ना चाह रही कोई कसर।
निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली में 14 नवंबर को होने महापौर और उप महापौर चुनाव के लिए बहुमत होने के बाद भी इसकी तैयारी में आम आदमी पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पार्षदों के मुद्दे सुलझाने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही उन पर नजर रखने के लिए भी वरिष्ठ पार्षदों को जिम्मेदारी दे दी गई है।

जो अपने जोन और अपने पड़ोसी जोन के आप पार्षदों की निगरानी कर रहे हैं। हालांकि आप को पूरा भरोसा है कि वह अपने पार्षदों के दम पर एक बार फिर महापौर व उप महापौर चुनाव में जीत दर्ज करेगी। फिर भी कोई कसर या नाराजगी पार्षदों में न हो इसलिए वह अपनी तैयारी को दुरुस्त रखना चाहती है।

दुर्गेश पाठक ने की वरिष्ठ सदस्यों के साथ चर्चा

आप सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक और अन्य वरिष्ठ पार्षदों के साथ पार्टी कार्यालय में बैठक हुई थी। बैठक में महापौर व उप-महापौर चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई। इसमें इस बात पर भी जोर दिया गया कि जिस प्रकार स्थायी समिति के चुनाव से पहले आप के कुछ पार्षदों ने भाजपा का दामन थाम लिया था तो फिर से ऐसा न हो।

विधानसभा चुनाव से पहले आप का शक्ति प्रदर्शन

विधानसभा चुनाव से पहले आप के लिए महापौर व उप महापौर चुनाव महत्वपूर्ण है। अगर, इसमें कुछ ऊंच-नीच हुई तो जनता में गलत संदेश जा सकता है। इसलिए पार्टी चुनाव से पहले मतदान से पहले पार्षदों का प्रशिक्षण भी मतदान करने को लेकर देगी। ताकि कोई भी वोट गलत न हो।

चुनाव को लेकर बीजेपी ने नहीं खोले पत्ते

वहीं, महापौर व उप महापौर चुनाव में प्रत्याशी उतारने के बाद भी भाजपा ने चुनाव को लेकर अभी पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन प्रत्याशी होना ही आप के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। क्योंकि अभी तक चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी भी भाजपा पार्षदों को मिली है। 14 नवंबर को होने वाले महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी कौन होगा अभी यह तय नहीं हुआ है।

पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति चुनाव से ठीक पहले

निगम प्रक्रिया के तहत उपराज्यपाल को फाइल भेजेगा। इसके बाद पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति चुनाव की तारीख से पहले हो जाएगी। नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह का कहना है कि वह पार्षदों से चर्चा करेंगे और फिर ही कुछ कह पाएंगे। अभी हमारे प्रत्याशी हैं और प्रत्याशी चुनाव लड़ने के लिए होते हैं।

उल्लेखनीय है कि महापौर व उप महापौर चुनाव में निर्वाचित पार्षदों के साथ ही निगम में मनोनीत 14 विधायकों के साथ ही सात लोकसभा और तीन राज्यसभा सदस्यों को मतदान का अधिकार होता है। केवल एल्डरमैन को सदन में महापौर व उप महापौर के चुनाव में मतदान का अधिकार नहीं होता है।

हमारे पास पूर्ण बहुमत है। 14 तारीख को होने वाले चुनाव में आप प्रत्याशियों महापौर व उप महापौर पद पर जीत होगी। - मुकेश गोयल, नेता सदन, एमसीडी

कांग्रेस पार्षदों की संख्या कम लेकिन बड़ी भूमिका

दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के चुनाव में कांग्रेस के पार्षदों ने वाकआउट कर दिया था। इसका लाभ निगम में भाजपा को अपरोक्ष रूप हुआ था। ऐसे में कांग्रेस के भले ही आठ पार्षद संख्या के हिसाब से कम हैं लेकिन वाकआउट करने से भाजपा को फायदा होता है। ऐसे में अगर, कांग्रेस के पार्षदों ने वाकआउट किया तो आप की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि कांग्रेस ने अभी तक इस पर निर्णय नहीं लिया है कि वह क्या करेंगे। इसलिए भाजपा और आप दोनों की नजर इन पर हैं।

कौन-कौन करते हैं मतदान

  • निर्वाचित पार्षद: 249
  • विधायक: 14
  • राज्यसभा सदस्य: 3
  • लोकसभा सदस्य: 7
  1. आप: 143 (127 पार्षद, तीन राज्यसभा सदस्य और 13 विधायक)
  2. भाजपा: 122 (114 पार्षद, सात लोकसभा सांसद और एक विधायक)
  3. कांग्रेस: 8
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