Farmer Protest : AAP नेता संजय सिंह का गंभीर आरोप, भाजपा-कांग्रेस के बीच हुई डील
किसानों का मुद्दा उठाने पर आम आदमी पार्टी के सांसदों को संसद में मार्शल उठा कर बाहर ले जा रहे थे और कांग्रेस नेता तमाशा देख रहे थे। इससे साफ है कि कांग्रेस और भाजपा के बीच कोई डील हो चुकी है।
By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 04 Feb 2021 11:36 AM (IST)
नई दिल्ली [वीके शुक्ला।] आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा और कांग्रेस के बीच कोई डील हो चुकी है। यही कारण है कि कांग्रेस संसद में प्रमुखता के साथ किसानों का मुद्दा उठाने और कृषि कानूनों पर अलग से चर्चा कराने में विफल साबित हुई है। बुधवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता उन्होंने कहा कि राज्यसभा में सिर्फ आम आदमी पार्टी ने ही कृषि कानूनों पर चर्चा करने और इसे वापस लेने की मांग उठाई। लेकिन, भाजपा की केंद्र सरकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुई। किसानों का मुद्दा उठाने पर ’आप’ सांसदों को मार्शल उठा कर बाहर ले जा रहे थे और कांग्रेस नेता तमाशा देख रहे थे। इससे साफ है कि कांग्रेस और भाजपा के बीच कोई डील हो चुकी है।
AAP के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा है कि राज्यसभा में मैंने कहा कि पहले किसानों के मुद्दे पर चर्चा कीजिए और कृषि कानूनों को वापस लीजिए, क्योंकि किसानों की यही मांग है। सदन के अंदर मैं सिर्फ एक ही मांग कर रहा था कि चलो आपने इतना जुल्म कर लिया है। 165 किसानों ने शहादत दे दी है। अब कम से कम उनके मुद्दों पर चर्चा तो कर लीजिए।
आतंकियों की तरह किसानों के साथ हो रहा व्यवहार
संजय सिंह ने कहा कि भाजपा के राज में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बार्डर जैसे चीन और पाकिस्तान के बार्डर हो गए हैं। सड़कों पर नुकीले सरिये लगा दिए गए हैं। किसानों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है कि जैसे वह आतंकवादी, देशद्रोही हैं। इससे पहले राज्यसभा में बुधवार को आम आदमी पार्टी के तीन सदस्यों संजय सिंह, सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता को सदन की कार्यवाही बाधित करने पर दिन भर के लिए निलंबित कर दिया गया। बाद में उन्हें मार्शल की मदद से सदन से बाहर किया गया।
संसद से निलंबन स्वीकार : सुशील गुप्ता
AAP के मुख्य सचेतक डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि संसद में अगर कोई ज्वलंत मुद्दे पर बात करना चाहता है तो उसको मार्शलों के उठवाकर भाजपा सरकार बाहर कर देती है। आखिर देश किस लोकतंत्र की तरफ जा रहा है, जहां बोलने की आजादी नहीं दी जा रही। किसानों की आवाज बुलंद करने के लिए हमें संसद से निलंबन भी स्वीकार है।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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