दिल्ली चुनाव से पहले जनता का मूड भांपने की कवायद, AAP नेताओं को सड़क पर उतारा गया
आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनाव से तीन महीने पहले जनता की नब्ज टटोलने के लिए अपने नेताओं को सड़कों पर उतार दिया है। आप ने दिल्ली भर में पदयात्राएं करने की योजना बनाई है जिसमें पार्टी के प्रमुख नेताओं और सभी कैबिनेट मंत्रियों को यह जिम्मेदारी दी गई है। इस दौरान केजरीवाल का संदेश भी जनता के सामने रखा जाएगा कि उन्हें जेल में क्यों डाला गया?
वी के शुक्ला, नई दिल्ली। जनता की नब्ज टटोलने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) ने सड़कों पर अपने नेता उतार दिए हैं। चुनाव से तीन माह पहले पार्टी जनता के मूड को परख रही है। आप ने दिल्ली भर में पदयात्राएं करने की योजना बनाई है, जिसमें आप के प्रमुख नेताओं और सभी कैबिनेट मंत्रियों को यह जिम्मेदारी दी गई है।
योजना के अनुसार आप प्रमुख और मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल भी बीच-बीच में पदयात्रा करेंगे। सभी नेताओं को पार्टी का निर्देश है कि जनता में कोई कुछ सवाल पूछे तो खुल कर जवाब दें। इस दौरान केजरीवाल का संदेश भी जनता के सामने रखें कि उन्हें जेल में क्यों डाला गया?
'राजनीतिक द्वेष के कारण भेजा गया जेल'
जेल से बाहर आने के बाद आप नेता इस बात को बहुत ही सक्रियता से उठा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल और उनके अन्य प्रमुख नेताओं को जेल क्यों भेजा गया? वे जनता में यह संदेश देने की कोशिश में हैं कि किसी भ्रष्टाचार के तहत नहीं बल्कि राजनीतिक द्वेष के कारण उन लोगों को जेल भेजा गया था।
'जनता का काम रोकने के लिए भेजा गया जेल'
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य नेता कार्यक्रमों में इस बात का जिक्र तो कर ही रहे हैं, गत दिनों जनता के नाम लिखे पत्र में भी केजरीवाल ने प्रमुखता से इसी बात का जिक्र किया है कि उन्हें जेल इसलिए भेजा गया है कि जनता के काम रोके जा सकें और उन्हें परेशान किया जा सके। दिल्ली में गंदे पानी की आपूर्ति, सीवर जाम और सड़कों की खराब हालत के लिए भी उन्होंने स्वयं के जेल चले जाने से जोड़ा है।
उन्होंने यह बात भी साबित करने की कोशिश की है कि उनके जेल से बाहर आने के बाद से सभी काम ठीक होने लगे हैं। सड़कें भी बनने लगी हैं। हालांकि भाजपा सड़कों के बनाने के अपने नेताओं के जेल से बाहर आने के आप के दावे को गलत बता रही है।
मानसून के बाद सड़कें बनाने का काम सामान्य प्रक्रिया
भाजपा का कहना है कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है कि मानसून के बाद सड़कें बनाई ही जाती हैं और इसके लिए दाे से तीन महीने पहले से टेंडर किए जा चुके थे। भाजपा का दावा है कि आप नेताओं के जेल से बाहर आने से सडकें बननी शुरू नहीं हुई हैं।
आप का पदयात्राएं कर जनता के बीच जाने का फैसला
बहरहाल जो भी हो आप इस बात को लेकर मजबूत होना चाहती है कि केजरीवाल और पार्टी के अन्य नेताओं के जेल में चले जाने से पार्टी पर कोई नकारात्मक असर तो नहीं पड़ा है। यही कारण है कि चुनाव से ठीक तीन माह पहले आप ने पदयात्राएं कर जनता के बीच जाने का फैसला लिया है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में आप कार्यकर्ता अलग से अरविंद केजरीवाल का पत्र लेकर जनता के बीच जा रहे हैं।