पीएम मोदी के 'मन की बात' के जवाब में अब AAP करेगी 'मुद्दे की बात'
दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने ट्विटर के माध्यम से मुद्दे की बात मुहिम की शुरुआत की है। ट्विटर पर जनता द्वारा आप की इस मुहिम की भरपूर सराहना की जा रही है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Thu, 04 Apr 2019 03:17 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। आम आदमी पार्टी (आप) ने ट्विटर के माध्यम से मुद्दे की बात मुहिम की शुरुआत की है। आप का कहना है कि इसे इसलिए शुरू किया गया है ताकि भाजपा द्वारा जनता को असल मुद्दों से भटकाने के लिए चलाए जा रहे अभियान मन की बात से जनता का ध्यान वापस असल मुद्दों की ओर लाया जा सके।
ट्विटर पर जनता द्वारा आप की इस मुहिम की भरपूर सराहना की जा रही है। छह घंटे में करीब 80 लाख लोगों तक मुद्दे की बात पहुंची और यह दिनभर ट्विटर पर टॉप ट्रेंड में रही। आप ने कहा है कि यह मुहिम देश के असल मुद्दों पर ध्यान बनाए रखने के लिए शुरू की। इस मुहिम के माध्यम से आप ने भाजपा द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर ध्यान न देने की बात कही है।आप ने इसमें जात-पात का मुद्दा, मंदिर-मस्जिद का मुद्दा, हिंदू-मुसलमान समेत कई मुद्दों पर भाजपा को घेरा है। जनता ने भी ट्विटर के माध्यम से भाजपा को सलाह दी कि देश के असल मुद्दे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, विकास हैं। भाजपा को अपने विकास विरोधी मुद्दों को छोड़कर इन असल मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन, भाजपा की सोशल मीडिया टीम दिनभर ट्विटर एवं अन्य सोशल प्लेटफार्म पर धार्मिक उन्माद आदि संदेशों से सोशल प्लेटफॉर्म को व्यस्त रखती है।
उधर, आम आदमी पार्टी (आप) पर भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगा रही है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इसकी शिकायत दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से की है। उनका कहना है कि उपमुख्यमंत्री दिल्ली के लाखों मतदाताओं को पत्र लिखकर शिक्षा विभाग की उपलब्धियां गिना रहे हैं।पत्र में कहा गया है कि उन्होंने चार साल तक शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया है, लेकिन केंद्र सरकार इसमें बाधा डालती रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस तरह से सरकारी पत्र लिखने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति भी नहीं ली गई है, जबकि इस समय आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है। उन्होंने कहा कि सरकारी खर्च पर इस तरह के पत्र मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए लिखा जा रहा है। वह मतदाताओं को आम आदमी पार्टी को वोट देने को कह रहे हैं। यह आचार संहिता का उल्लंघन है इसलिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी को कार्रवाई करनी चाहिए।
चुनाव आयोग की कार्रवाई से बचने के लिए पत्र पर न तो प्रेषण नंबर और न ही प्रेषण तिथि अंकित की गई है। स्पीड पोस्ट के लिफाफों से स्पष्ट है कि अधिकतर पत्र लोधी रोड स्थित डाक घर से भेजे गए हैं।
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