Delhi के इस थाने में महिला फरियादियों के लिए ACP ने खींची लक्ष्मण रेखा, लाइन खींचने की वजह जानकर हो जाएंगे हैरान
दिल्ली के कल्याणपुरी थाने में आने वाली महिला फरियादियों के लिए ACP ने लक्ष्मण रेखा खींच रखी है। इस रेखा को पार करने के लिए महिलाओं को महिला पुलिसकर्मी ( Women Police ) के साथ की जरूरत होती है। उनके न होने पर इस रेखा को पार करके महिला फरियादियों का ACP व थानाध्यक्ष से मिल पाना संभव नहीं हो पाता।
By SHUZAUDDIN SHUZAUDDINEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Tue, 10 Oct 2023 07:07 PM (IST)
शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली के कल्याणपुरी थाने में आने वाली महिला फरियादियों के लिए ACP ने लक्ष्मण रेखा खींच रखी है। इस रेखा को पार करने के लिए महिलाओं को महिला पुलिसकर्मी (Women Police) के साथ की जरूरत होती है। उनके न होने पर इस रेखा को पार करके महिला फरियादियों का ACP व थानाध्यक्ष से मिल पाना संभव नहीं हो पाता।
बोर्ड पर क्या लिखा है ?
कल्याणपुरी थाने में ACP कल्याणपुरी आशीष कुमार का कार्यालय भी है। कल्याणपुरी थाने के अंदर महिला फरियादियों के पहुंचने की बॉर्डर लाइन तय कर रखी है। कल्याणपुरी थाने के गेट से छह से सात कदम की दूरी पर पूछताछ केंद्र के पास एसीपी के आदेश का एक बोर्ड लगा हुआ है।
इसमें लिखा हुआ है "काेई भी महिला एसीपी या कल्याणपुरी थानाध्यक्ष दिनेश कुमार से मिलने आती है तो वह बिना महिला पुलिसकर्मी के इस जगह से आगे नहीं जाएगी''।
इस तरह का फरमान यमुनापार के बाकी थानों व एसीपी कार्यालयों में देखने को नहीं मिला। कल्याणपुरी थाने का हाल तब ऐसा है जब रेंज की संयुक्त आयुक्त व जिला पुलिस उपायुक्त महिलाएं हैं। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर दावे करते हैं कि वह पुलिसकर्मियों को सीखाते हैं कि थाने में आने वाले लोगों के साथ किस तरह से बर्ताव करना चाहिए। फरियादियों को थाने में एक बेहतर माहौल देना चाहिए।
सवाल यह अगर थाने में महिला पुलिसकर्मी नहीं होगी तो क्या थानाध्यक्ष व एसीपी किसी महिला फरियादी से मिलेंगे ही नहीं। यही महिलाओं का सम्मान है कि उनके लिए थाने के अंदर एक रेखा खींच दी गई।
यह भी पढ़ें- NewsClick Row: खत्म हुई न्यूजक्लिक के प्रबीर पुरकायस्थ की पुलिस रिमांड, अदालत ने 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
इस तरह के आदेश से क्या महिलाएं अपने साथ होने वाले अपराध को लेकर पुलिस अधिकारियों को खुलकर कुछ बोल पाएंगी। यह उनके लिए थाने का बेहतर माहौल है। आरोप है कि पुरुष इंस्पेक्टर तक भी बिना एसीपी की अनुमति के उनके कार्यालय के अंदर नहीं जा सकता।इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने एसीपी के आदेश के पीछे की वजह बताई कि कई बार महिलाएं पुलिस के अधिकारियों को झूठे केस में फंसाने के लिए गलत आरोप लगा देती हैं। इससे अधिकारी की छवि खराब हो जाती है। इसलिए कई अधिकारी महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ही अपने कार्यालय में महिला फरियादियो से मिलते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।